Khabar Bhojpuri
भोजपुरी के एक मात्र न्यूज़ पोर्टल।

Indian Tea Return: ई देश अब भारत के चायपत्ती लवटवलस, कहलस- एमे जादे बा कीटनाशक

देश के चाय उत्पादकन के (Indian  Producers) के बड़ झटका लागल बा। कइयन गो देश भारतीय चाय के लवटा देले बा। एकरा वजह से चाय उद्योग के भारी नुकसान झेले के पड़ सकत बा।

1,427

दरअसल, श्रीलंका (Sri Lanka) में आइल आर्थिक संकट के चलते इंटरनेशनल मार्केट में भारतीय चाय उद्योग के लगे आपन कारोबार के बढ़ावे के बड़ मवका रहे, लेकिन लिमिट से जादे कीटनाशकन आ रसायनन के इस्तेमाल बड़ा झटका देले बा।

शिपमेंट में लगातार गिरावट

चाय बोर्ड निर्यात में तेजी ले आवे पs विचार कर रहल बा बाकिर खेपन के वापसी के वजह से शिपमेंट में लगातार गिरावट आ रहल बा। देश में बेचल जाय वाला सब चाय भारतीय खाद्य सुरक्षा आ मानक प्राधिकरण (FSSAI) के मानदंडन के अनुरूप होखे के चाहीं। ओइसे, कनोरिया पीटीआई के बतवले कि ज्यादातर खरीदार उहे चाय खरीद रहल बाड़े, जवना में असामान्य रूप से अधिक रासायनिक सामग्री बा।

यूरोपीय यूनियन के नियम सख्त

2021 में भारत 195.90 मिलियन किलो चाय के निर्यात कइले रहे। भारतीय चाय के प्रमुख खरीदार कॉमनवेल्थ इंडिपेंडेंट स्टेट्स (CIS) नेशन आ ईरान रहल रहे। बोर्ड एह साल 300 मिलियन किलो चाय के एक्सपोर्ट करे के लक्ष्य रखले बा। कनोरिया कहले कि कइयन देश चाय खातिर सख्त एंट्री रेगुलेशन नियम के पालन कर रहल बा। ज्यादातर देश यूरोपीय संघ (EU) के मानकन के पालन करेला, जवन FSSAI नियमन से जादे कठोर बा।

नियमन में ढील देवे के मांग

ऊ कहले कि कानून के पालन करे के बजाय कई लोग सरकार से FSSAI मानदंडन में अधिका ढील देवे के मांग कs रहल बा। कनोरिया कहले कि ई एगो गलत संकेत दिही काहेकि चाय के स्वास्थ्य पेय मानल जाला। चाय बोर्ड के एगो वरिष्ठ अधिकारी पीटीआई के बतवले कि एह मुद्दा पs चाय पैकरन आ निर्यातकन के ओर से शिकायत मिलल बा। भारत 2021 में 5,246.89 करोड़ रुपिया के चाय के निर्यात कइले रहे।

एह वजह से हो रहल बा परेसानी

पिछला कुछ बरिसन में चाय बागानन में जलवायु परिवर्तन के वजह से बहुते बदलाव आ गइल बा। भारी बारिश भा लमहर समय सूखा के वजह से कीटन के खतरा बढ़ गइल बा। खबरन के मोताबिक, अक्सर कीटनाशक के प्रयोग समाप्त होखला के बादे पत्तियन के तूर लिहल जाला। एकरा वजह से चाय के पत्तियन पs कीटनाशक के अंश रह जाला। आमतौर पs कीटनाशक के छिड़काव के लगभग 10 से 20 दिन के बाद पत्तियन के तूरल जाला। जदि एकर पालन नइखे कइल जात, तs ओमे जादे कीटनाशक होखे के आशंका होला।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.