Khabar Bhojpuri
भोजपुरी के एक मात्र न्यूज़ पोर्टल।

होलिका से जुड़ल पौराणिक कथा

877

हिरणकश्यप के बहिन के नाव होलिका रहे। प्रहलाद के मारे के जब हिरणकश्यप के समूचा कोसिस फेल हो गइल, तब ऊ अपना बहिन होलिका के बोलावल काहेकि होलिका के वरदान मिलल रहे कि ऊ आग में ना जरी। हिरणकश्यप होलिका के आगि में प्रहलाद के कोरा में लेके बइठे के कहलस आ बोलल तहरा तs वरदान मिलल बा तु तs बांच जइबु आ प्रहलाद जर के भसम हो जाई। भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद जब होलिका के संगे आगि में बईठत बाड़ें तs होलिका जर के भसम हो जात बाड़ी आ प्रहलाद बच जात बा।

एकरा संबंध में एगो आउर पौराणिक कथा बा, भविष्य पुराण में उल्लेख बा कि ढूंढा नाव के एगो राक्षसी रहे। ऊ भगवान शिव से वरदान हासिल कs के लईकन के परेसान करे के सुरू कs देलस। उपाय पुछला पs ऋषि लो बतावल कि सभे गांव के लोग इकट्ठा होके सुखल लकड़ी आ उपला आदि जमा कs के रक्षोघ्न मंत्र से ओमे आग जरा के ताली बजावत किल-किल शब्द के इस्तेमाल करे लो। आ आग के तीन बेर परिक्रमा करत उत्सव मनावे, एक दोसरा से हंसी मजाक करे। अइसन कइला से ढूंढा राक्षसी भसम हो जाई।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.