द‍िनभर ऑफ‍िस में बइठ के काम करे वाला हो जाये सावधान, एगो गलती से बेमार‍ियन के घर बन जाई देह

Anurag Ranjan

ए घरी के भाग दउड़ भरल जिनगी में लोग अपना सेहत के ठीक से खेयालो नइखे रख पा रहल। एह डिजिटल युग में भलही दुनिया एडवांस हो चुकल होखे, बाकिर ऑफिस होखे भा वर्क फ्रॉम होम, घंटन कुरसी पs बइठ के काम कइला से देह कइयन बेमारियन के घर बन सकत बा। जदि रउआ रोजाना छव घंटा भा ओकरा से जादे समय तक बिना कवनो ब्रेक के बइठल रहेनी तs ई कइयन गो गंभीर बेमारियन के जनम दे सकत बा।
रउआ के बता दीं कि लमहर समय तक कुरसी पs बइठल रहला से मसल्स कमजोर हो जाला। वजनो बढ़ जाला। एकरा संगही दिल के बेमारी, डायबिटीज, कमर दर्द आ मानसिक तनाव जइसन समस्या उत्पन्न हो जाला। एकरा अलावे, ब्लड सर्कुलेशनो ठीक से ना हो पावेला। आज हमनी के रउआ के अपना एह लेख में घंटन कुरसी पs बइठ के काम करे से होखे वाली दिक्कतन के बारे में बतावे जा रहल बानी सs। एकरा बचाव के तरीको बताएम सs। आईं विस्तार से जानल जावs…

लगातार बइठल रहला से बढ़ जाला एक बेमारियन के खतरा

  • कुरसी पs लगातार बइठल रहला से मसल्स में जकड़न हो जाला। जवना से गरदन में दरद के समस्या बढ़ सकत बा।
  • एकरा अलावे एके पोश्चर में बइठल रहला से कंधन में जकड़न हो जाला। एकरा से रउआ हाथन में दरदो बनल रहेला। जवन एक समय बाद परमानेंट शिकायत बन जाला।
  • लगातार बइठल रहला से कैलोरी बर्न ना होला, जवना से वजन बढ़ला के समस्या हो सकत बा।
  • जब रउआ लगातार कुरसी पs बइठ के स्क्रीन पs देखेनी तs तनाव के खतरा बढ़ जाला।
  • बहुत समय तक बइठल रहला से रीढ़ के हड्डी पs प्रेशर पड़त बा।
  • घंटन पs बइठल रहला से थकान हो सकत बा।
  • जदि रउआ लमहर समय तक एके जगह पs बइठल रहेम, कवनो फिजिकल एक्टिविटी ना होई तs नीन ना आवे के समस्याे घेर ली।
  • इसके साथ ही ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो सकता है।

अइसे रखीं सेहत के खेयाल

जदि रउआ घंटन बइठ के काम करेनी तs हर 30 से 40 मिनट पs उठके एक बार वॉक जरूर कs लीं। एकरा से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होला, जवना से देह में ऑक्सीजन के आपूर्ति बढ़ जाला। एकरा अलावे रउआ ऑफिस में छोट-छोट स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करीं। ई मांसपेशियन के राहत देवे के काम करी। संगही जकड़न के करी। काम के बीच-बीच में छोट-छोट ब्रेक लेत रहीं। एकरा से रउआ खुद के फिजिकली एक्टिव रख पाएम। एकरा से मोटापा के कंट्रोल कइल जा सकत बा।

ऑफिस के टाइम पs ब्रेक लेला से दिमाग के आराम मिलत बा। ध्यान रखीं कि देह में पानी के कमी ना हो सके। अइसन में रउआ समय-समय पs पानी पियत रहीं। एकरा से रउआ मेटाबॉलिज्म बेहतर रही। रउआ हेल्दियो डाइट लीं।

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सिविल इंजीनियर, भोजपुरिया, लेखक, ब्लॉगर आ कमेंटेटर। खेल के दुनिया से खास लगाव। परिचे- एगो निठाह समर्पित भोजपुरिया, जवन भोजपुरी के विकास ला लगातार प्रयासरत बा। खबर भोजपुरी के एह पोर्टल पs हमार कुछ खास लेख आ रचना रउआ सभे के पढ़े के मिली। रउआ सभे हमरा के आपन सुझाव [email protected] पs मेल करीं।
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