DDU: हिंदी विभाग में बसंत पंचमी आ निराला जयंती के भइल आयोजन, कुलपति बोलली- शिक्षित उहे जेकरा आचरण में शिक्षा लउके

Anurag Ranjan
DDU: हिंदी विभाग में बसंत पंचमी आ निराला जयंती के भइल आयोजन, कुलपति बोलली- शिक्षित उहे जेकरा आचरण में शिक्षा लउके

गोरखपुर : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDU) के हिंदी तथा आधुनिक भारतीय भाषाएं एवं पत्रकारिता विभाग के ओर से हीरक जयंती वर्ष के अंतर्गत बसंत पंचमी आ निराला जयंती के अवसर पs एगो भव्य कार्यक्रम के आयोजन कइल गइल। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन अध्यक्षता करत हिंदी विभाग के निरंतरता आ विशिष्टता के सराहना कइली। ऊ कहली कि हिंदी विभाग के जोगदान ना खाली शिक्षा के क्षेत्र में बलुक विद्यार्थियन के आत्मविश्वास आ गुणवत्ता में लउके ला। ऊ इहो कहली कि शिक्षा के असली स्वरूप तबे बा जब व्यक्ति के आचरणो में उहे दिखे। हिंदी विभाग के विद्यार्थियन के प्रस्तुति एह बात के उत्तम उदाहरण बा, जवन निरंतरता से श्रेष्ठता के ओर अग्रसर हो रहल बा हैं।

समय के असहमतियन के साहसपूर्वक व्यक्त करे वाला कवि रहलें निराला: प्रो. चितरंजन मिश्र

मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में सामिल प्रोफेसर चितरंजन मिश्र सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के साहित्यिक जोगदान पs चरचा कइलें। ऊ निराला के अपना समय के असहमतियन के साहसपूर्वक व्यक्त करे वाला कवि बतवलें। ऊ कहलें कि निराला के कविता समाज, सरकार आ सामंतवाद के खिलाफ निरंतर खड़ा होत रहल बा आ उनकर लेखन साहित्य के ना खाली कलात्मकता देलस, बलुक सामाजिक आ राजनीतिक परिवर्तन के दिसा में प्रेरित कइलस।

कला संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर राजवंत राव निराला के साहित्य के भारतीय संस्कृति के शाश्वत सूत्रन से जोड़त उनका रचनन के समाज में व्याप्त रूढ़ियन के खिलाफ संघर्ष बतवलें। ऊ कहलें कि निराला ना खाली अंग्रेजन के खिलाफ, बलुक भारतीय सामंती मूल्यन के खिलाफ खड़ा भइल रहसI हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर कमलेश कुमार गुप्त अपना स्वागत वक्तव्य में निराला के वासंतिक चेतना के साहित्यकार बतवलें। ऊ कहलें कि निराला के साहित्य छायावाद के आलोचना करेला आ बसंत के चेतना से प्रेरित बा।

दीवार पत्रिका ‘सृजन’ के भइल लोकार्पण

कार्यक्रम के दौरान हिंदी विभाग के दीवार पत्रिका ‘सृजन’ के लोकार्पण कुलपति प्रो. पूनम टंडन द्वारा कइल गइल। एकरा संगही विभाग में आयोजित अलग-अलग प्रतियोगितन जइसे भाषण प्रतियोगिता, काव्य पाठ, फीचर लेखन आ निबंध प्रतियोगिता के विजेतन के पुरस्कार प्रदान कइल गइल। विद्यार्थी निराला के कवितन के सुरमयी प्रस्तुति दिहल लो। ओहिजा, प्रोफेसर विमलेश कुमार मिश्रा निराला के गजल के आपन सुरीली आवाज देलें।

कार्यक्रम के संचालन डॉ. सुनील कुमार कइलें आ आभार ज्ञापन हिंदी विभाग के सांस्कृतिक समिति के संयोजक डॉ. राजेश मल्ल द्वारा कइल गइल। एह मवका पs हिंदी विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रो. अनिल राय, प्रो. दीपक त्यागी, प्रो. प्रत्यूष दुबे, डॉ. रजनीश चतुर्वेदी, डॉ. नरेंद्र कुमार, डॉ. रामनरेश राम आ विभाग के आउर शिक्षक-शिक्षिका आ विद्यार्थी बड़ संख्या में उपस्थित रहल लो।

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सिविल इंजीनियर, भोजपुरिया, लेखक, ब्लॉगर आ कमेंटेटर। खेल के दुनिया से खास लगाव। परिचे- एगो निठाह समर्पित भोजपुरिया, जवन भोजपुरी के विकास ला लगातार प्रयासरत बा। खबर भोजपुरी के एह पोर्टल पs हमार कुछ खास लेख आ रचना रउआ सभे के पढ़े के मिली। रउआ सभे हमरा के आपन सुझाव [email protected] पs मेल करीं।
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