गोरखपुर के 35 हजार घर में लागल ‘ताला’, अधिकारियन के उड़ल होश, इहां जानीं पूरा मामला
गोरखपुर जिला में एगो चौका देवे वाला आंकड़ा सामने आइल बा। एगो एजेंसी के मुताबिक गोरखपुर जोन में कुल 35000 घर में ताला लागल बा। ई रिपोर्ट ऊ एजेंसी दीहले बा जौन घर-घर मीटर रीडिंग ले के बिजली बिल बनावेले। उनके मुताबिक जब ऊ मीटर रीडिंग करे गइल रहनें त एह सब घर में ताला लागल रहे जौने वजह से ऊ बिजली के बिल नाइ निकाल पवलें। एगो बैठक में जब 35 हजार के ई आंकड़ा अधिकारियन के बीच में रखल गइल त उनके होशे उड़ गइल।
दरअसल, बिलिंग मशीन एजेंसी जिला के कुल 35000 घर के नवंबर के बिल जारी नाइ कइलस। एकरे बाद उनके मनमानी करे के शिकायत लगातार अधिकारियन के मिलत रहे। नवंबर महीना में एतना घर के बिलिंग जेनरेट काहें नाइ भइल? एह पर एमडी जे बैठक में जब बिलिंग एजेंसी ई आंकड़ा प्रस्तुत कइलस त सब के होश उड़ गइल। एकरे बाद मुख्य अभियंता एहपर आपत्ति जतवलें अउर सच्चाई जाने खातिर फील्ड पर टीम के भेजनें।
एकरे बाद घर-घर दस्तक अभियान शुरू भइल। एकरे तहत एह लोगन के पता लगावल जाए लागल कि अइसन लोग आखिर गइलें कहां? नतीजतन बिना कौनो सूचना दिहले अधिकारी लोग लगभग 5000 घर ले पहुंचनें त ई पता चलल कि पिछले 2 महीना से मीटर रीडिंग करे वाला आइलही नइखे। मीटर बिल रीडिंग वाली एजेंसी संदिग्ध पावल गइल अउर उनके मीटर रीडर ज़्यादातर घर में गइबे नाइ कइलें।
दरअसल, पावर कारपोरेशन बिलिंग एजेंसी क्वैश क्राप के गोरखपुर जोन के 21.50 लाख उपभोक्ता लोग के हर महीना समय से बिजली बिल जेनरेट करे के जिम्मा सउपनें। एजेंसी के मीटर रीडर लोग द्वारा टेबल रीडिंग करे अउर मनमानी रीडिंग पर बिल बनावे वाला अफसर लोग पूर्वांचल एमडी से शिकायत कइले रहे।
एजेंसी के रिपोर्ट पर शिकायत के बाद बिलिंग एजेंसी के कार्यन के समीक्षा खातिर 9 दिसंबर के पूर्वांचल एमडी वाराणसी में समीक्षा बइठक बुलवलें। एहमें बिलिंग एजेंसी ई आंकड़ा प्रस्तुत कइलस कि गोरखपुर जोनमें शहर में 15 हजार अउर ग्रामीण में 20 हजार घर में ताला बंद होखले से नवंबर में एह कनेक्शन पर बिल नाइ बनल। गौरतलब बा कि जोन के विभिन्न वितरण खंड में नॉन ट्रेसेबल श्रेणी में 30000 कनेक्शन बा।
एह पूरा मामिला पर मुख्य अभियंता आशु कालिया बतवलें कि ई संख्या नॉन ट्रेसेबल लोग के रहल जवन बिलिंग एजेंसी उपलब्ध करवले रहे कि अइसन लोग मौका पर पावल नाइ गइल रहनें। एकरे बाद हमनी के एकर जांच करवनीं जा त बड़ संख्या में उपभोक्ता मिलनें अउर उनकर बिलिंग भी हमनी के करवा दिहले बानीं जा। लिहाजा हमनी के पैंतीस हजार घर में त हमनीके तत्काल नाइ पहुंच पवनीं जा लेकिन हमनीं के जब सर्वे करवलें अउर सैंपलिंग करवलें हर डिविजन अउर हर क्षेत्र में त काफी संख्या में लोग हमनी के मिल गइल बानें अउर लगभग 40-45 फीसदी लोग के बिजली बिल जमा करवा दिहल गइल बा। बिलिंग एजेंसी पूरा तरीका से दोषी पावल गइल बा।
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