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BIG NEWS : गिरावल जाई पटना कलेक्टोरेट के 350 साल पुरान भवन, सुप्रीम कोर्ट कहलस- हर इमारत संरक्षण लायक नइखे

एह इमारत के इस्तेमाल अंग्रेज अफीम आ नमक के भंडारण के गोदाम का रूप में करत रहले

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New Delhi : सुप्रीम कोर्ट सुक के दिहल एगो अहम आदेश में बिहार के राजधानी पटना के कलेक्टोरेट कार्यालय के 350 साल पुरान इमारत गिरावे के इजाजत दे देलस। कोर्ट अपना आदेश में टिप्पणी कइलस कि अंग्रेज राज के हर इमारत संरक्षण करे लायक नइखे।

का बा ममिला ?

इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) के पटना इकाई एह इमारत के बचावे खातिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कइले रहे। इमारत गिरावे के राज्य सरकार के फसिला के चुनौती दिहल गइल रहे।

याचिका में कहल गइल रहे कि इमारत शहर के सांस्कृतिक विरासतन के एगो प्रमुख हिस्सा हs। एकरा के गिरावे के बजाय संरक्षित कइल जाये के चाहीं। एह इमारत के इस्तेमाल अंग्रेज अफीम आ नमक के भंडारण के गोदाम के रूप में करत रहले सs।

नाया भवन बनावल चाहत बिया सरकार

बिहार सरकार 31 जुलाई 2020 के पटना कलेक्टर कार्यालय के एह जीर्ण-शीर्ण भवन के गिराने के  फसिला कs के आदेश जारी कइले रहे। शासन इहां नाया भवन बनावल चाहत बा। सुप्रीम कोर्ट सितंबर 2020 में भवन में यथास्थिति बनावल राखे के निरदेस देले रहे।

जीर्ण-शीर्ण इमारत लोगन खातिर गंभीर खतरा

वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह बिहार सरकार के पक्ष राखत कहले कि इमारत जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होखला के वजे से लोग खातिर एगो गंभीर खतरा बा। बिहार शहरी कला आ विरासत आयोग 4 जून, 2020 के कलेक्ट्रेट परिसर के ध्वस्त करे के मंजूरी देले रहे। 1972 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) बिहार में एगो सर्वेक्षण कइले रहे। उहो पटना के कलेक्टोरेट के संरक्षित इमारतन के सूची में शामिल ना कइले रहे।

सब इमारतन के संरक्षण नइखे हो  सकत

बिहार सरकार के दलीलन से सहमति जतावत  सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ आ सूर्य कांत के पीठ कहलस ‘हमनी का लगे उपनिवेशकालीन इमारत बड़ संख्या में बा। एमे से कुछ ब्रिटिश, डच आ फ्रांसीसी युग के बावे। ऐतिहासिक महत्व आला इमारत हो सकत बा, जवना के संरक्षित कइल जा सकत बा बाकिर सब इमारतन के ना।

साभार: न्यूज़ विंग

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