एह साल जडाइल नाइ रही राउर रात! जाड़ा के रात में कंबलो के नाइ रही जरूरत, जानीं काहें

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एह साल जाड़ा में भी राउर रात ज्यादा सर्द नाइ रही। मौसम वैज्ञानिकन के मानल बा कि एह बार के जाड़ा में देश के अधिकांश हिस्सा में रात गर्म रह सकsता। जलवायु एक्सपर्ट अउर दक्षिण एशियाई जलवायु आउटलुक फोरम (SASCOF-23) के रिपोर्ट एह बात के संकेत देहलें। एह रिपोर्ट के मतलब बा कि प्रशांत महासागर के ऊपर ला नीना के बावजूद आवे वाले नवंबर अउर दिसंबर के महीना में रात के वक्त सामान्य से ज्य़ादा तापमान होखले के संभावना बा।

ला नीना के बावजूद गरम रही रात

ऑस्ट्रेलियाई मौसम विज्ञान ब्यूरो प्रशांत महासागर में लगातार तीसरे साल ला नीना घटना के पुष्टि कइले बानें। विशेषज्ञन अउर पहिले के कुछ स्टडी के अनुसार, ला नीना के घटना आमतौर पर भारत में सामान्य से अधिक ठंडा तापमान से जुड होला। हालांकि, विशेषज्ञन के मानल बा कि ई ग्लोबल वार्मिंग के ही संकेत ह कि ला नीना के बावजूद, एह साल नवंबर अउर दिसंबर में रात के तापमान भी प्रभावित रहे वाला बा।

अक्टूबर से दिसंबर ले रात में ढेर रही पारा

SASCOF के रिपोर्ट के आधार पर, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के एगो वैज्ञानिक टाइम्स ऑफ इंडिया के बतवलें, “भारत के अधिकांश क्षेत्र में एह साल अक्टूबर से दिसंबर तक रात में सामान्य से बेसी टेम्प्रेचर होखले के संभावना बा। हालांकि, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सा अउर दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सा में दिसंबर ले रात के तापमान सामान्य ही रहले के संभावनाएं ढ़ेर बा।” ऊ कहलें कि रिपोर्ट से पता चलल बा कि अधिक बादल होखले के कारण, भारत के अधिकांश हिस्सा में, उत्तर अउर उत्तर पूरब के छोड़ के एह साल अक्टूबर से दिसंबर तक ढ़ेर ठंडा दिन रहले के संभावना बा।

कंबल के भी नाइ पड़ी जरूरत

दक्षिण एशियाई जलवायु आउटलुक फोरम (SASCOF) अउर जलवायु विशेषज्ञ लोग के रिपोर्ट जौने बात के इशारा कs रहल बा, आमतौर पर अइसन नाइ होला, रिपोर्ट में कहल गइल बा कि ला नीना के बावजूद भी एह साल रात में ठंड कम रह सकsता। एह हिसाब से अइसन मानल जा रहल बा कि रिपोर्ट में देहल गइल संकेत सच साबित भइल त नवंबर अउर दिसंबर के शुरुआती दिन में रात के वक्त आपके कंबल के भी जरूरत नाइ पड़ी।

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