06 सितंबर के गोरखपुर में आयोजित होई यायावरी भोजपुरी महोत्सव, भोजपुरी प्रेमियन के होई जुटान
गोरखपुर: भोजपुरी भाषा के सम्मान, स्वाभिमान आ संरक्षण खातिर समर्पित यायावरी भोजपुरी महोत्सव के आयोजन 06 सितम्बर के स्थानीय गोकुल अतिथि भवन में होई। भोजपुरी बतकही, विचार, गीत संगीत आ संस्कृति के मिठास महोत्सव में घुली।
महोत्सव के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारी मिथिलेश नारायण आ विशिष्ट अतिथि दूरदर्शन गोरखपुर के निदेशक ब्रजेंद्र नारायण होइहें।
यायावरी शिखर सम्मान से सम्मानित होइहें जुगानी भाई
भोजपुरी के गौरव आ साहित्य जगत के पुरोधा डॉक्टर रविंद्र श्रीवास्तव जुगानी भाई साल 2023 के यायावरी शिखर सम्मान से सम्मानित होइहें।
सात सत्रन से सजल होई महोत्स्व
सबेरे 11:30 बजे से सुरू होखे वाला महोत्सव में कुल सात सत्र आयोजित होई जेमे पहिला सत्र उद्घाटन सत्र होई। दूसरा सत्र भोजपुरी कहानी में स्त्री पs केन्द्रित होई जेमे सरोज सिंह, सत्य व्यास आ विनीता परमार भोजपुरी कहानी में स्त्री पात्रन के भूमिका पs चरचा करी लो। भोजपुरियत आ उद्यमिता विषय आधारित तीसरा सत्र में गिरिजांश गोपालन, संजय शेफर्ड आ वलीउल्लाह शेख उद्यमिता के क्षेत्र में भोजपुरी के अहमियत पs चरचा करी लो। एकरा बाद भोजपुरिया एलीट के माई भाषा से नेह छोह विषयक चउथा सत्र में राजेश मिश्रा, मुन्ना पांडेय आ संजय मासूम एलीट क्लास के निजभाषा से प्रेम पs चरचा करत भोजपुरी के सामाजिक स्तर पs मंथन करी लो। पांचवा सत्र टीम मद्धिम से बतकही के होई जेमे परितोष त्रिपाठी, अरुणा गिरी, ओम दुबे आ विमल चन्द्र पांडेय आपस में वार्ता करी लो।
कथा कहानी आ गीत के संगत विषय पs आयोजित छठा सत्र विशेष होई आ एमे प्रबुद्ध बनर्जी आ मृत्युंजय कुमार सिंह के बीच रोचक चरचा होई। महोत्सव के अंतिम सत्र सृष्टि सिंह द्वारा वीर कुंवर सिंह के गाथा के समर्पित संगीतमय सत्र होई।
कथाकारी प्रतियोगिता के विजेतन के होई सम्मान
महोत्सव के दौरान कथाकारी प्रतियोगिता के विजेतन के सम्मानित कइल जाई। शालिनी कपूर के पहिला, डॉ० उमा उपाध्याय के दूसरा आ नंदीश्वर द्विवेदी राजन के तीसरा पुरस्कार से सम्मानित कइल जाई।
महोत्सव के आयोजन समन्वयक गौरव मणि त्रिपाठी बतवलें कि पिछला बरिस के तुलना में यायावरी भोजपुरी महोत्सव के ई दूसरा अध्याय भव्य होई। ऊ एह अवसर पs लोगन से बड़ संख्या में प्रतिभाग करे के संगे भोजपुरी महोत्सव के सफल बनावे के अपील कइलें। ऊ बतवलें कि आयोजन सब केहू खातिर खुलल बा आ प्रवेश निःशुल्क होई। एकर तइयारी लगभग पूरा हो चुकल बा।
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