हर साल 10 अगस्त के पूरा दुनिया में विश्व शेर दिवस के रूप में मनावल जाला। एह दिन के मनावे के मकसद शेर के संरक्षण के बारे में लोग के जागरूक कईल बा। एनिमल एक्टिविस्ट्स लोग के मानल बा कि शेर हमनी के पारिस्थितिक खातिर बहुत महत्वपूर्ण बा। एशिया के अधिकतर शेर भारत में पावल जालें। एशियाई शेर भारत में पावल जाए वाली सभसे बड़ प्रजाति सभ में से एक हवे। एकरा अलावा बाकी चार गो में रॉयल बंगाल टाइगर, इंडियन लेपर्ड, क्लाउडेड लेपर्ड, स्नो लेप बा।
विश्व शेर दिवस के इतिहास
विश्व शेर दिवस के शुरुआत पहिला बेर 2013 में शेर के समर्पित दुनिया के सबसे बड़ अभयारण्य बिग कैट रेस्क्यू द्वारा कईले रहे। एकर सह-स्थापना डेरेक आ बेवर्ली जौबर्ट, एगो पति-पत्नी कइले रहलें। जंगल में रहे वाला शेरन के रक्षा खातिर नेशनल ज्योग्राफिक आ बिग कैट इनिशिएटिव दुनो के एकही बैनर के नीचे ले आवे के पहल उ शुरू कईले अवुरी तब से हर साल 10 अगस्त के विश्व शेर दिवस मनावल जाला।
विश्व शेर दिवस मनावल काहे जरूरी बा?
विश्व शेर दिवस के मकसद बा कि शेर के संरक्षण के बारे में बतावल जाव आ ओकरा खातिर जरूरी कदम उठावे खातिर लोग के प्रोत्साहित कइल जाव। जागरूकता के कमी के चलते शेर के संख्या घटत जाता। एह से एकर संरक्षण के तत्काल जरूरत बा। एह दिन के मकसद बा कि लोग के पारिस्थितिक तंत्र में शेर के महत्व के बारे में बतावल जाव आ एकर सांस्कृतिक महत्व के बारे में भी शिक्षित कइल जाव।

शेर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
– शेर के वजन 190 किलो ले आ शेरनी के वजन 130 किलो ले होला।
– शेर के उमिर 16 से 20 साल के होला।
– शेर के सुने के क्षमता बहुत जादा बा।
– भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तम्भ में शेर के छवि ह।
-शेर बिलार के प्रजाति में आवे लें, एही से इनहन के बिग कैट कहल जाला।
– नर शेर के गर्दन में बाल होखेला, लेकिन मादा शेर के गर्दन में बाल ना होखेला।







