Maha kumbh 2025: माघ पूर्णिमा आ शिवरात्रि के दिन काहे नइखे कइल जा रहल बा अमृत स्नान? जानीं इहां बड़ कारन

Maha kumbh

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Maha kumbh: महाकुंभ के तीसरका आ आखिरी अमृत स्नान (शाही स्नान) के आजु शांति से आयोजन हो रहल बा। सरकारी आंकड़ा के मुताबिक 3 फरवरी के सबेरे 10 बजे ले 71.24 लाख भक्त अमृत स्नान के लेले रहले। साथही 13 जनवरी से शुरू भइल महाकुंभ 26 फरवरी के खतम हो रहल बा. एह दौरान अमृत स्नान के दर्जा मात्र 3 दिन ही मिलल बा, हालांकि कुछ लोग एह बात से उलझल बाड़े कि 2 गो अउरी अमृत स्नान भी बा, आईं राउर एह भ्रम से साफ करीं जा।

माघ पूर्णिमा आ शिवरात्रि के दिन पवित्र स्नान के अनुमति बा, बाकिर अमृत स्नान कईल शुभ ना होखेला। अइसना में भक्त लोग के भ्रम मत होखे के कारण हमनी के इहो बतावे जा रहल बानी जा कि अमृत स्नान एह दुनो तारीख के काहे नईखे होखत।

नागा अमृत स्नान दुनु तारीख पs ना करिहें

मुगल युग से ही नागा साधू लोग के विशेष सम्मान देवे खातिर विशेष अमृत स्नान के दर्जा दिहल जात रहे। आदि शंकराचार्य धर्म के रक्षक के रूप में नागा साधू लोग के एगो समूह बनवले रहले अवुरी मानल जाता कि उनुका से ही नागा साधू के सबसे पहिले नहाए के दर्जा दिहल गईल। अयीसना में आज बसंत पंचमी के अमृत स्नान के बाद नागा संत अपना-अपना जगह पs लवटे लगिहे। इहाँ संगम के किनारे खाली कल्पवासी संत देखाई दिही।

ग्रह नक्षत्र एकर मुख्य कारण बा

शाही स्नान तबे कइल जाला जब सूर्य मकर राशि में होखे आ बृहस्पति वृषभ राशि में होखे माघ पूर्णिमा के दिन बृहस्पति वृषभ राशि में होई बाकिर सूर्य कुंभ राशि में पारगमन करी। साथ ही शिवरात्रि के दिन भी सूर्य कुंभ राशि में होई, अइसन स्थिति में पवित्र स्नान होई, बाकिर ओकरा अमृत स्नान के दर्जा ना मिली।

बता दीं कि जब सूर्य मकर राशि में होला आ बृहस्पति वृषभ राशि में होला तs प्रयागराज में खाली कुंभ मेला होला आ शाही स्नान होला।

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