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Vat Savitri Vrat 2024: पति के दीर्घायु आ सुखी दाम्पत्य जीवन खातिर वट सावित्री व्रत पs ई विशेष उपाय करीं

वट सावित्री व्रत 2024 उपाय : हर बियाहल नारी अपना पति के दीर्घायु, प्रगति आ सफलता खातिर पूजा करेले

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वट सावित्री व्रत 2024 उपाय : हर बियाहल नारी अपना पति के दीर्घायु, प्रगति आ सफलता खातिर पूजा करेले। महिला भी अपना बियाह के रक्षा खातिर भगवान से प्रार्थना करत बहुत व्रत करेली, ओमे से एगो बा वट सावित्री व्रत। ई व्रत बियाहल महिला खातीर बहुत खास बा। एह दिन मेहरारू लोग पूरा संस्कार से पूजा करेली आ सब नियम के पालन करेली। एह दौरान कुछ महिला पानी रहित उपवास करेली। व्रत रखला के संगे-संगे बियाहल महिला नियम के मुताबिक बट के पेड़ के भी पूजा करेली।

मानल जाला कि बरगद के पेड़ के पूजा कइला से पति के लंबा उम्र आ जीवन में सुख-समृद्धि सुनिश्चित होखेला। धार्मिक मान्यता के अनुसार एह में ब्रह्मा, विष्णु आ महेश तीनो देवता निवास करेलें। एह से व्रत रखे वाली औरत के तीनों देवता से आशीर्वाद मिलेला।

ई परब मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार आ मध्य प्रदेश में मनावल जाला। एह दौरान कुछ उपाय कइला से सौभाग्यवती भव के आशीर्वाद मिल जाला। अइसना में एह उपायन के बारे में जानल जाओ।

वट सावित्री व्रत 2024 कब बा?

पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीना के अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत मनावल जाला। एह साल ज्येष्ठ अमावस्या के तिथि 5 जून के साँझ 7:54 बजे से शुरू हो रहल बा। ई 6 जून के साँझ 6:07 बजे खतम होखी । उदिया तिथि के अनुसार व्रत 6 जून के होई। एह दिन पूजा के शुभ समय सबेरे 11:52 बजे से रात 12:48 बजे तक होई।

वट सावित्री के दिने ई उपाय करीं

  •  वट सावित्री के दिन बरगद के पेड़ के दूध चढ़ावल शुभ होला। मानल जाला कि एह से ग्रह के दोष दूर हो जाला। संगही बरगद के पेड़ के 11 बेर चक्कर लगावे के बाद गाय, कुकुर आ कौआ के खाना देवे के चाही। एह से कुंडली में ग्रह के स्थिति मजबूत हो जाला।
  •  जदी आपके वैवाहिक जीवन में समस्या के सामना करे के पड़ता तs ए दिन अपना पति के संगे 21 बेर बरगद के पेड़ के परिक्रमा करे के चाही। एकरा अलावे बरगद के पेड़ के नीचे घी के दीया जरा के एह दीया से काजल बनावेके चाही। बाद में एह काजल के बरगद के पत्ता में लपेट के अलमारी में रख दीं।
  •  हर आदमी जीवन में सुख समृद्धि चाहता, अइसन स्थिति में रउआ वट सावित्री के दिन पीपल के पेड़ के दूध मीठा चढ़ावे के चाहीं। एकरा बाद पीपल के पेड़ के चक्कर लगावत शनि मंत्र ओम शान शनैश्चराय नमः जप करे के चाहीं। एकरा संगे शनिदेव के आशीर्वाद भी रउरा पर बनल रही।
  • जदी रउरा परिवार में हमेशा झगड़ा होला तs रोज बरगद के पेड़ के नीचे घी के दीया जरावल शुरू करी । एह दौरान भगवान विष्णु के पूजा जरूर करीं। एहसे पारिवारिक झगड़ा खतम हो जाई।
  •  वट सावित्री के दिन धन के देवी लक्ष्मी के 11 गो कौड़ी चढ़ावे के चाहीं। साथ ही ओह लोग पर हल्दी के साथ तिलक लगाईं। अगिला दिने एह कौड़ियन के लाल कपड़ा में बान्ह के पइसा के डिब्बा भा तिजोरी में राखीं । मानल जाता कि अइसन कइला से आर्थिक परेशानी दूर हो जाला।
  •  एह दिन मेहरारू लोग अपना पति के संगे व्रत रखे। दुनु मिल के चंद्रमा भगवान के दूध चढ़ावे। मानल जाला कि अइसन कइला से जीवन के समस्या के समाधान हो जाला।

अस्वीकरण : ई लेख लोकप्रिय मान्यता पs आधारित बा। इहाँ दिहल जानकारी आ तथ्य के सटीकता आ पूर्णता खातिर खबर भोजपुरी जिम्मेदार नइखे।

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