UP By-Election: भाजपा-सपा के लिटमस टेस्ट आज, अखिलेश-शिवपाल के एकतो के इम्तिहान
UP By-Election: ई चुनाव भाजपा आ सपा के तइयारी के लिटमस टेस्ट साबित हो सकत बा। सपा के अभेद दुर्ग मैनपुरी के ढहाके भाजपा यूपी फतह के संदेश देहल चाहत बिया जबकि सपा भाजपा के रथ के रोके खातिर चक्रव्यूह बना के रखले बिया। अखिलेश-शिवपाल के एकता भाजपा खातिर देवाल बन गइल बा।
मैनपुरी लोकसभा आ रामपुर आ खतौली विधानसभा उपचुनाव खातिर आज मतदान हो रहल बा। ई चुनाव भाजपा आ सपा के तइयारी के लिटमस टेस्ट साबित हो सकत बा। सपा के अभेद दुर्ग मैनपुरी के ढहाके भाजपा यूपी फतह के संदेश देहल चाहत बिया जबकि सपा भाजपा के रथ के रोके खातिर चक्रव्यूह बना के रखले बिया। एमे अखिलेश-शिवपाल के एकता भाजपा के खातिर देवाल बन गइल बा।
लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहिले होखे वाला मैनपुरी उपचुनाव पर पूरा देश के नजर बा। इहां मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उपचुनाव हो रहल बा। सपा पूर्व सांसद डिंपल यादव के मैदान में उतारके सैफई परिवार के साख दांव पर लगा देले बिया जबकि भाजपा मुलायम के शागिर्द रहल पूर्व सांसद रघुराज शाक्य पर दांव लगाकर ओकरा गढ़ में मात देवे के रणनीति तईयार कइले बिया।
इहां के सियासी मुकाबला के गरमी के अंदाजा एह बात से लगावल जा सकत बा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव नामांकन के बाद से मैनपुरी में डेरा डलले बाड़ें। जनसभा के संगे घरे-घरे जाके वोट मांग रहल बाड़ें। एकरा के अखिलेश में भइल बड़ बदलाव के तौर पर देखल जा रहल बा काहेकि अभी तक ऊ उपचुनाव से दूर रहल बाड़ें। दूसरा तरफ भाजपा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य सहित आउर वरिष्ठ नेता लोगन के मैदान में उतार के पुख्ता सियासी चक्रव्यूह तइयार कइले बिया। एकरा के तूरे में कइयन जगे सपाई पसीना-पसीना नजर आ रहल बा लो।
भाजपा खातिर मैनपुरी के महत्व
सपा के गढ़ मानल जाये वाला ज्यादातर लोकसभा क्षेत्र पर भाजपा परचम लहरा देले बिया। एमे कन्नौज, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, इटावा, आजमगढ़ आ रामपुर सामिल बा। मैनपुरी सैफई परिवार के घर के सीट मानल जाला। इहां 1989 से अब ले भइल 11 लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह भा उनकापरिवार के सदस्य के विजय मिलल। मुलायम अब नइखन। अइसन में भाजपा एह सीट के हासिल कर के समूचा देस में नया संदेश देहल चाहत बिया। एह सीट के भाजपा के खाता में जाये के सीधा असर मुख्यमंत्री योगी के कद पर पड़ी।
सपा खातिर साख के सवाल
सपा घर के सीट बचाके आपन दबदबा कायम रखल चाहत बिया है। मुलायम सिंह इहां से खुद पांच बार सांसद रहलें। सपा ई संदेश देवे में लागल बिया कि मैनपुरी से सियासी सफर सुरू करे वाला मुलायम सिंह के ना रहलो पर धाक बरकरार बा। अब पार्टी नया अंदाज में सुरुआत कर रहल बिया। एह सीट के बहाने प्रत्यक्ष रूप से सैफई परिवार के प्रतिष्ठा दांव पर लागल बा। बाकिर मैनपुरी खोवला के सीधा असर अखिलेश के सियासी कॅरिअर पर पड़ल तय बा।
इहे वजह बा कि सपा उम्मीदवार घोषित करे से पहिले इहां पूर्व मंत्री आलोक शाक्य के जिलाध्यक्ष बनवलस। इनका माध्यम से गैर यादव ओबीसी वर्ग के साधे के कोसिस कइल गइल। काहेकि इहां यादवन के बाद शाक्य मतदाता सबसे जादे बा लोग। एतने ना लमहर समय से चलल आ रहल तल्खी के भुलावत अखिलेश चाचा शिवपाल यादव के आशीर्वाद लेलें। काहेकि उनका एह बात के अंदाजा रहे कि सियासी रणनीतिकार के रूप में शिवपाले उनका के जीत के रास्ता दिखा सकत बाड़े। मैनपुरी सीट जीतके सपा 2024 के साधे के तइयारी में बिया। ई संदेश दी कि यादव वोट बैंक में बिखराव नइखे।
ई बा सियासी गणित
मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के पांच विधानसभा सीटन में करहल से अखिलेश, जसवंतनगर से शिवपाल आ किशनी से ब्रजेश कठेरिया विधायक बावे लोग।। मैनपुरी से भाजपा के जयवीर सिंह तs भोगनी से भाजपा के राम नरेश अग्निहोत्री विधायक बाड़े। इहां सर्वाधिक यादव मतदाता बा लोग, जेकर संख्या करीब 4.25 लाख बा। एही तरह शाक्य करीब 3.25 लाख, ठाकुर दु लाख, ब्राह्मण 1.22 लाख, दलित डेढ़ लाख आर मुस्लिम 70 हजार बावे लो।
साभार: अमर उजाला
Comments are closed.