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Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पs बन रहल बा ई सुभ जोग, एह दौरान कइल गइल पूजा के मिली दोगुना फल

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प्रदोष व्रत महीना में दु बेर मनावल जात बा। ई दिन भगवान शिव के भक्तन खातिर बहुत खास होला। प्रदोष शब्द के अर्थ बा अंधकार के समाप्त कइल। धार्मिक मान्यता के अनुसार, एह सुभ दिन उपवास कइला से भगवान शिव आ देवी पार्वती के किरपा प्राप्त होला। एकरा संगही व्यक्ति के जन्म आ मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलेला। प्रदोष व्रत हफ्ता के जवना दिन पड़ेला, ओकरा आधार पs ऊ अलग-अलग नामन से जानल जाला।

अबकी बेर ई व्रत तीन जुलाई के दिन बुध के रखल जाई, एह दिन कवन-कवन सुभ जोग के निर्माण हो रहल बा, तs चली ओह बारे में विस्तार से जानल जाव

बुध प्रदोष व्रत सुभ जोग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अबकी बेर के बुध प्रदोष व्रत बहुत शुभ मानल जा रहल बा, काहेकि एह दिन कइयन गो सुभ के युति बन रहल बा। दरअसल, एह मवका पs सर्वार्थ सिद्धि योग पूरा दिन रही। अइसन मानल जाला कि एह दौरान कवनो सुभ काम करे से ओमे सफलता प्राप्त होला। एकरा अलावे एह दिन रोहिणी नक्षत्र भोर से लेके अगिला दिन सबेरे 04 बजकर 07 मिनट तक रही।

प्रदोष व्रत 2024 तिथि आ समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि तीन जुलाई के सबेरे 7 बजकर 10 मिनट पs सुरू होई। ओहिजा, एह तिथि के समापन चार जुलाई के सबेरे 5 बजकर 54 मिनट पs होई। एह दिन प्रदोष काल में पूजा सुभ मानल जाला। एह वजह से अबकी बेर ई व्रत तीन जुलाई के दिन बुध के रखल जाई।

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