मन्कीपॉक्स वायरस के ले के भारत की स्थिति दूसरे देशन के तुलना में अलग, सबके खातिर मंकीपॉक्स के टीका जरूरी नाइ बा
देश में फिलहाल हर आदमी खातिर मंकीपॉक्स टीकाकरण (monkeypox vaccination) के जरूरत नाइ बा। काहेंसेकि वायरस के लेके भारत के स्थिति दूसरे देशन के तुलना में बहुते अलग बा। अब ले 10 मंकीपॉक्स के मामला सामने आइल बा अउर एक के मौत भइल बा। ई सब मामला एक-दूसरा से अलग बा अउरी एहमें वायरस के स्ट्रैन भी अलग-अलग बा।
ई बात पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की निदेशक डॉ. प्रिया अब्राहम देश में मंकीपॉक्स टीकाकरण केतना जरूरी बा सम्बंधित एगो सवाल के जवाब देत कहली। एनआईवी निदेशक डॉ. अब्राहम कहली, देश के स्थिति अभिन नगदे बेहतर बा। हमके नाइ लागsता कि मंकीपॉक्स के टीका सबके टीका लगवलें के जरूरत बा। हालांकि जे संक्रमित रोगियन के संपर्क में आइल बा उनकर टीकाकरण होखल जरूरी बा।
दरअसल पुणे एनआईवी मंकीपॉक्स अउर कोविड-19 महामारी के लेके दक्षिण पूर्वी एशिया में सबसे बड़ केंद्र ह। अकेल्ले मंकीपॉक्स संक्रमण के ले के अब ले इहां 259 सैंपल के जांच हो चुकल बा, जबकि देश के 15 अउर लैब में ई जांच चल रहल बा। कोरोना महामारी के शुरुआत में एनआईवी सबसे पहिले जांच के तरीका खोजले रहे अउर बाद में कोवाक्सिन टीका भी बनवलें रहे।
मंकीपॉक्स टीका भी मिली जल्दिए
डॉ. प्रिया बतवली कि जल्दिए देश के मंकीपॉक्स के टीका मिले जा रहल बा। वायरस के आइसोलेट कइला के बाद प्राइवेट फार्मा कंपनियन से आवेदन मांगल गइल रहे। करीब आठ स्वदेशी कंपनी एह खोज में शामिल होखले के ईच्छा जतवलें बा जे पर अंतिम फैसला आईसीएमआर के लेवे के बा। जल्दिये एकर जानकारी मिली
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