Khabar Bhojpuri
भोजपुरी के एक मात्र न्यूज़ पोर्टल।

Firaq Gorakhpuri News: किस्सा इलाहाबाद के! जब नेहरू पs भड़कल रहले मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी, फेरु भइल कुछ अइसन कि…

Firaq Gorakhpuri Birth Anniversary : आजु 28 अगस्त के बोल्ड, बेबाक आ निर्भीक शैली के महान कवि रघुपति सहाय के जन्मदिन ह। रघुपति सहाय नाम से परिचित नईखी त 'फिराक गोरखपुरी' नाम जरूर सुनले होखब। सदी के महाकवि फिराक गोरखपुरी के नाम से दुनिया रघुपति सहाय के जानत बा।

4,800
Google Ads 300*250 for posts

 

Firaq Gorakhpuri Birth Anniversary : आजु 28 अगस्त के बोल्ड, बेबाक आ निर्भीक शैली के महान कवि रघुपति सहाय के जन्मदिन ह। रघुपति सहाय नाम से परिचित नईखी त ‘फिराक गोरखपुरी’ नाम जरूर सुनले होखब। सदी के महाकवि फिराक गोरखपुरी के नाम से दुनिया रघुपति सहाय के जानत बा।

एक मुद्दत से तेरी याद भी आई न हमें और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं’ एह कुछ शब्दन में फिराक साहब दुनिया के सब प्रेमी के दुख मे डाल देले बाड़े, जेकर प्यार कवनो कारण से पूरा ना हो पावल । फिराक गोरखपुरी सर हर युग के प्रेमी के जुबान हउए ! आज यानी 28 अगस्त के फिराक गोरखपुरी के जन्मदिन ह। साल 1896 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में जनमल फिराक साहब उर्दू के मशहूर कवि हवें। उनकर पढ़ाई अरबी, फारसी आ अंगरेजी भाषा में भइल। फिराक साहब इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी पढ़ावत रहले। आज उनुका जन्मदिन के खास मौका पs हम उनुका से जुड़ल एगो मार्मिक कहानी लेके आईल बानी।

फक्कड़, बेबाक आ निडर फिराक साहब एक बेर पंडित जवाहरलाल नेहरू पs नाराज हो गइल रहले। दरअसल ई साल दिसंबर 1947 के रहे, जब नेहरू जी आनंद भवन पहुंचल रहले। एह दौरान फिराक गोरखपुरी नेहरू जी से मिले खातिर आनंद भवन पहुंचल रहले। गेट पs बइठल रिसेप्शनिस्ट आर.के. सहाय के नाम पर्ची भीतर भेजल गईल अउरी फिराक साहब बहरी इंतजार करे लगले।

करीब 15 मिनट बादो भीतर से कवनो प्रतिक्रिया ना मिलल। एकरा बाद फिराक साहब के गुस्सा गरम हो गईल अवुरी उ बहरी हल्ला मचावे लगले। आवाज सुन के नेहरू जी बाहर आ गईले लेकिन फिराक साहेब अभी भी शांत ना रहले। नेहरू जी बतवले कि हम रउरा के ‘रघुपति सहाय’ के नाम से लगभग 30 साल से जानत बानी एकरा बाद नेहरू जी खुदे उनका के भीतर ले जालन।

रात भी नींद भी कहानी भी , 

हाए क्या चीज है जवानी भी।। 

एक पैगाम-ए-जिंदगानी भी , 

आशिकी मर्ग-ए-ना-गहानी भी।। 

एह कुछ पंक्ति में जीवन के अर्थ बतावे वाला फिराक साहब के भी भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में अहम योगदान रहे आ इहे से रघुपित सहाय के ‘फिराक’ उपनाम मिलल। बात ओह समय के ह जब राष्ट्र के जनक महात्मा गांधी के जेल भेजल गइल रहे। एह गिरफ्तारी के विरोध में स्वदेश के संपादकीय में एगो गजल छपल बा… ‘ जबानें बंद थीं आजाद हो जाने को हैं’

इ रघुपित सहाय के गजल रहे जवना के वजह से 27 फरवरी 1921 के जेल जाए के पड़ल। रामनाथ लाल सुमन जब स्वदेश के संपादक बनले त फेर रघुपति सहाय स्वदेश के होली अंक में गजल लिखले आ एहिजे पहिला बेर उनुका से ‘फिराक’ उपनाम जुड़ल रहे।

 फिराक साहब के ई गजल कुछ अइसने रहे…

न समझने की है बात न समझाने की।

जिंदगी उचटी हुई नींद है दीवाने की।।

 

 

632710cookie-checkFiraq Gorakhpuri News: किस्सा इलाहाबाद के! जब नेहरू पs भड़कल रहले मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी, फेरु भइल कुछ अइसन कि…

ईमेल से खबर पावे खातिर सब्सक्राइब करीं।

Google Ads 300*250 for posts

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Google Ads 300*250 for posts

Comments are closed.