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Bakrid 2023: बकरीद आज, जानीं का हs ईद-उल-अजहा के इतिहास आ महत्व

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Bakrid 2023: आज माने 29 जून 2023 के बकरीद के परब मनावल जा रहल बा। बकरीद के ईद-उल-अजहा कहल जाला। ईद-उल-अजहा के अर्थ कुर्बानी वाली ईद से हs।ईद-उल-फितर के बाद ई इस्लाम धर्म के दूसरका बड़ त्योहार हs। ई त्योहार रमजान महीना के खत्म होखला के 70 दिन बाद मनावल जाला। एह त्योहार के कुर्बानी के तौर पs मनावल जाला। एह दिन बकरा के कुर्बानी दिहल जाला। मुस्लिम समाज के लोगन खातिर बकरीद के त्योहार बहुते महत्वपूर्ण होला। बकरीद मनावे के पीछे हजरत इब्राहिम के जिनगी से जुड़ल एगो बड़ी घटना हs। अइसन में आई जानल जाव बकरीद काहे मनावाल जाला आ एकर इतिहास का हs…

बकरीद काहे मनावल जाला?

इस्लाम धर्म के मोताबिक हजरत इब्राहिम खुदा के बंदा रहस। खुदा में उनकर पूर्ण विश्वास रहे। कहल जाला कि अल्लाह एक बेर पैगंबर इब्राहिम से कहले रहस कि ऊ आपन प्यार आ विश्वास के साबित करे खातिर सबसे प्यारी चीज के त्याग करस। एकरा बाद पैगंबर इब्राहिम अपना इकलौता बेटा के कुर्बानी देवे के फैसला कइलें।

एकरा बाद जब पैगंबर इब्राहिम अपना बेटा के कुर्बानी देवे जात रहस तबे अल्लाह उनका बेटा के बचा लेलें आ ओकरा जगह पशु के कुर्बान कs देलें। तबे से बकरीद के त्योहार पैगंबर इब्राहिम के इयाद करे खातिर मनावल जाला।

मुस्लिम समाज के लोग हर साल एह त्योहार के बकरा के कुर्बानी देके मनावल जाला। बकरीद के दिन बकरा के तीन भागन में बांटल जाला, पहिला भाग रिश्तेदारन, संघतिया आ पड़ोसियन के दिहल जाला। दूसरका हिस्सा गरीब आ जरूरतमंद खातिर आ तीसरा परिवार खातिर होला।

ईद आ बकरीद में का अंतर बा?

इस्लामिक कैलेंडर के मोताबिक साल में दु बेर ईद मनावल जाला। एगो ईद-उल-जुहा आ दूसरी ईद-उल-फितर। ईद-उल-फितर के मीठी ईद के नामो से जानल जाला। एकरा के रमजान के खतम करत मनावल जाला। ओहिजा मीठी ईद के करीब 70 दिन बाद ईद-उल-अजहा माने बकरीद मनावल जाला।

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