1 August history: जब भारत बिना गोली आ बंदूक के अंग्रेजन के हरा दिहलस , जानी कि 1 अगस्त के देश दुनियां में का भइल रहे ?
1 अगस्त के का बा ?आज कवन दिन मनावल जाला? 1 अगस्त के दिन इतिहास के कई गो महत्वपूर्ण घटना के साक्षी रहल बा। ई दिन भारत के स्वतंत्रता संग्राम खातिर भइल बलिदान आ उपलब्धि के याद दिलावत बा । विज्ञान, कला आ खेल के क्षेत्र में भइल प्रगति के भी देखावेला।
आज 1 अगस्त के कवन दिन मनावल जाला? 1 अगस्त के इतिहास का बा? भारत आ दुनिया में 1 अगस्त के का भइल? एह लेख में रउरा सभे के पूरा जानकारी मिल जाई । शुरुआत में ई बता के कइल जाव कि आज देश आ दुनिया में कवन दिन मनावल जा रहल बा । आज विश्व वाइड वेब दिवस, विश्व फेफड़ा के कैंसर दिवस, मुस्लिम महिला अधिकार दिवस आ राष्ट्रीय पर्वतारोहण दिवस हs। अब इहो जान लीं कि एह तारीख के कवन बड़हन घटना भइल बा?
2021 के एक अगस्त के भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतले रहली। ऊ ओलम्पिक में दू गो पदक जीते वाली पहिला भारतीय महिला खिलाड़ी बनली।
एही साल भारतीय पुरुष हॉकी टीम 49 साल बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में चहुँप गइल आ भारत अगस्त महीना खातिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्षता सम्हार लिहलस।
1960 में पाकिस्तान के राजधानी कराची से बदल के इस्लामाबाद कर दिहल गइल।
1975 में दुर्गा बनर्जी वाणिज्यिक यात्री विमान चलावे वाली दुनिया के पहिला महिला पायलट बनली। 1995 में हबल टेलीस्कोप से शनि के एगो अउरी चंद्रमा के खोज भइल।
2004 में श्रीलंका भारत के हरा के एशिया कप क्रिकेट जीतले रहे।
2006 में जापान दुनिया के पहिला भूकंप के जल्दी चेतावनी सेवा शुरू कइलस।
साल 2007 में हनोई में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड में भारतीय टीम तीन गो स्वर्ण पदक जीतले रहे।
लंदन ब्रिज के 1 अगस्त 1831 के यातायात खातिर खोलल गइल।
ग्रेट ब्रिटेन में 1883 में अंतर्देशीय डाक सेवा शुरू भइल।
1916 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहल एनी बेसंट होम रूल लीग शुरू कइली।
मशहूर भारतीय अभिनेत्री मीना कुमारी के जनम 1932 में भइल रहे।
1953 में क्यूबा के राष्ट्रपति रहल फिदेल कास्त्रो के गिरफ्तार कर लिहल गइल आ भारत के सगरी एयरलाइंस के राष्ट्रीयकरण कर दिहल गइल।
नेशनल बुक ट्रस्ट के स्थापना 1957 में भइल रहे।
1 अगस्त 1920 के शुरू भइल आंदोलन से। छात्र सरकारी संस्थान के बहिष्कार कइले, वकील अदालत से बचे आ मजदूर कई शहर में हड़ताल कइले। ई आंदोलन 1857 के विद्रोह के बाद ब्रिटिश शासन के चुनौती देवे वाला पहिला बड़ आंदोलन रहे।
असहयोग (असहयोग आन्दोलन) आंदोलन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एगो महत्वपूर्ण अध्याय रहे। ई आंदोलन अंग्रेज सरकार के विरोध के अहिंसक तरीका रहे जवना के मकसद ब्रिटिश सरकार के ई देखावल रहे कि भारतीय जनता ओह लोग के शासन के स्वीकार ना करे आ बिना कवनो हिंसा के अपना अधिकार खातिर लड़ाई लड़े खातिर तइयार बा।
आंदोलन के दौरान हजारों भारतीय सरकारी नौकरी, स्कूल, कॉलेज आ कोर्ट के बहिष्कार कs देले। देश भर में विदेशी सामान के बहिष्कार भइल आ खादी के कपड़ा पहिरे के बढ़ावा दिहल गइल। एह आंदोलन के असर ब्रिटिश अर्थव्यवस्था पर भी पड़ल, काहें से कि भारतीय लोग ब्रिटिश सामान खरीदल बंद क दिहल।
सरकारी आंकड़ा के मुताबिक, 1921 में 396 हड़ताल भइल, जवना में छह लाख मजदूर शामिल रहले आ एकरा चलते लगभग 70 लाख कामकाजी दिन के नुकसान भइल। एह से पता चलत बा कि ई आंदोलन केतना व्यापक रहे आ एकर असर हर वर्ग के लोग पर कइसे पड़ल।
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