गोरखपुर विश्वविद्यालय : आजु हम यूपी के अइसने एगो विश्वविद्यालय के बारे में बतावत बानी, जहाँ से रउआ बहुत कम लागत में बीटेक आ एमबीए जइसन कोर्स कs सकेनी। हम बात करत बानी दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के जवन स्वतंत्र भारत में खुलल यूपी के पहिला राज्य विश्वविद्यालय ह। बहुत सेलिब्रिटी इहाँ पढ़ाई क के देश-दुनिया में नाम कमा रहल बाड़े। गोरखनाथ मंदिर आ एह विश्वविद्यालय के एगो लमहर संघ बा जवन राज्य के उच्च शिक्षा के एगो महत्वपूर्ण केंद्र ह।
फिलहाल ए विश्वविद्यालय से 350 से जादा कॉलेज जुड़ल बाड़े, जवना में 100 से जादे कोर्स चलता, जवना में आजकल करीब 8 हजार सीट पs दाखिला के प्रक्रिया चलता। ई विश्वविद्यालय एह घरी सीयूईटी से दाखिला लिहले बिना आपन प्रवेश परीक्षा करावत बा।
बेहद कम फीस में कs सकेनी बीटेक आ एमबीए
बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी – 30,000 पs सेमेस्टर
बीबीए – 25,000 पs सेमेस्टर
बीबीए मैनेजमेंट कोटा – 37,500 पs सेमेस्टर
बीए एलएलबी – 20,000 पs सेमेस्टर
बीटेक – 50,000 पs सेमेस्टर
बीएससी एग्रीकल्चर – 20,000 पs सेमेस्टर
बीसीए – 25,000 पs सेमेस्टर
एमएससी इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री/एमएससी माइक्रोबायोलॉजी – 25,000 पs सेमेस्टर
एमएससी बायोटेक्नोलॉजी – 20,000 पs सेमेस्टर
एमबीए – 50,000 पs सेमेस्टर
एमबीए मैनेजमेंट कोटा – 62,500 पs सेमेस्टर
एमबीए इन फूड पैकेजिंग एंड लॉजिस्टिक मैनेजमेंट – 30,000 पs सेमेस्टर
पीजी डिप्लोमा इन ट्रांसलेशन – 25,000 पs सेमेस्टर
पीजी डिप्लोमा इन हॉस्पिटलिटी एंड टूरिज्म मैनेजमेंट – 20, 000 पs सेमेस्टर
स्वतंत्र भारत में खुले वाला पहिला राज्य विश्वविद्यालय
एह विश्वविद्यालय के नींव राज्य के मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत जी रखले रहले। बीएन झा 11 अप्रैल 1957 के पहिला कुलपति के कार्यभार संभाल लिहले। पहिले एकर नाम गोरखपुर विश्वविद्यालय रहे जवना के साल 1997 में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के रूप में अधिसूचित कईल गईल रहे। स्थापना के समय गोरखनाथ मंदिर के खंड से संबंधित पीठाधीश्वर महंत दिग्विजय नाथ आपन दुनो कॉलेज महाराणा प्रताप अवुरी महाराणा प्रताप महिला महाविद्यालय परिसर के कक्षा के संचालन खातीर विश्वविद्यालय के देले रहले।
इहां के छात्र कुल क्षेत्र में कमा चुकल बाने नाम
विपक्ष राज्य राजनाथ सिंह, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, एमपी जगदंबिका पाल, प्रमुख साहित्यकार पद्मश्री विश्वनाथ तिवारी, पद्मश्री राजेश्वर आचार्य, जनरल एसपीएम त्रिपाठी समेत सेना, शिक्षा, राजनीति, विज्ञान के क्षेत्र मे छाइल बाने। इ यूनिवर्सिटी एक दर्जन से अधिक कुलपति देले बा।