ई यूरोपीय देश पाकिस्तान में आपन दूतावास अनिश्चित काल खातिर बंद क दिहले बा, बतवलस एकर कारण
यूरोपीय देश स्वीडन पाकिस्तान में आपन दूतावास अनिश्चित काल खातिर बंद क दिहले बा| एकरा पीछे के कारण इस्लामाबाद के सुरक्षा स्थिति बतावल जाता। स्वीडन में ई दूतावास कब खुली एह बारे में स्वीडन से कवनो जवाब नइखे मिलल| दरअसल, प्रवास विभाग कवनो तरह के निहोरा के संभाले में असमर्थ बा।
स्वीडन-पाकिस्तान : पाकिस्तान में गरीब सरकार होखला के बावजूद अराजकता के स्थिति बा। इहाँ के सुरक्षा व्यवस्था एतना खराब बा कि कवनो देश आपन पर्यटक के इहाँ ना भेजेला। आतंक के अड्डा चाहे ऊ पाकिस्तानी तालिबान होखे आ दोसरा आतंकी नेटवर्क, पाकिस्तान के धरती पे हिंसा आ आतंक के बोलबाला बा | जनता गरीबी आ भूख से मर रहल बिया। देश के खजाना खाली हो गइल बा। अइसना में पाकिस्तान में स्थित विदेशी दूतावास भी निकल रहल बाड़े। यूरोपीय देश स्वीडन पाकिस्तान में आपन दूतावास अनिश्चित काल खातिर बंद क दिहले बा| एकरा पीछे के कारण इस्लामाबाद के सुरक्षा स्थिति बतावल जाता। स्वीडन में ई दूतावास कब खुली एह बारे में स्वीडन से कवनो जवाब नइखे मिलल | दरअसल, प्रवास विभाग कवनो निहोरा के संभाले में असमर्थ बा जवना चलते स्वीडन के दूतावास आगंतुकन खातिर बंद बा|
स्वीडन के शैक्षणिक संस्थानन में पढ़े के इच्छुक पाकिस्तानी विद्यार्थी प्रभावित होखीहें
खबर के मुताबिक स्वीडन के दूतावास बंद होखला के चलते सबसे जादे नुकसान स्वीडन के संस्थान में दाखिला लेवे वाला पाकिस्तानी छात्र के होई। काहे कि स्वीडन में नया शिक्षा सत्र अगस्त महीना से शुरूहोला | एकरा अलावे वीजा प्रक्रिया में करीब 6 महीना के समय लागेला। स्वीडन में पाकिस्तानी दूतावास के कहल बा कि ओह लोग के उमेद बा कि स्वीडन के विश्वविद्यालयन खातिर आवेदन करे वाला विद्यार्थी जल्दिए वीजा खातिर आवेदन कर पइहें | एही बीच मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक छात्र ए संबंध में विदेश सचिव असद मजीद के चिट्ठी लिखले बाड़े।
गरीब पाकिस्तान के अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट आ रहल बा। सरकारी खजाना खाली हो गइल बा | कटोरा लेके पाकिस्तान पूरा दुनिया में लोन के भीख मांग रहल बा। महंगाई रिकार्ड स्तर प पहुंच गईल बा। मुद्रा के अवमूल्यन हो गईल बा। कुछ महीना पहिले जवन प्राकृतिक आपदा यानी बाढ़ आईल रहे ओकरा से भी पाकिस्तान के गरीबी बढ़ गईल| ई बाढ़ ‘गरीबी में भींजल आटा’ बनावे वाला रहे। पाकिस्तान के विकास दर मात्र 0.5 प्रतिशत होई जवन कि पछिला साल 6 प्रतिशत रहे। एकरा से अंदाजा लगावल जा सकेला कि पाकिस्तान के हालत केतना खराब बा|
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