अतवारी छौंक: बात कुछ पुरनका दौर के! सादीशुदा डॉक्टर से भइल रहे वैजयंती माला के प्यार, फिलिम छोड़के कइली सादी!
खबर भोजपुरी रउरा लोग के सोझा एगो नया सेगमेंट लेके आइल बा , जवना में रउरा के पढ़े के मिली फिलिम इंडस्ट्री से जुड़ल रोचक कहानी आ खिसा जवन बितsल जमाना के रही।।
आजू पढ़ी वैजयंती माला के कइसे भइल रहे शादीशुदा डॉक्टर से प्यार….
व्याजयन्ती माला अभिनय के दुनिया में तब प्रवेश कइली जब ऊ महज 13 साल के रहली. उs 1949 में तमिल फिल्म ‘वड़कई’ से अभिनय शुरू कईली।
बतावल जाता कि मंच पs वैजयंती माला के नाचत देखला के बाद एगो निर्देशक उनुका के अपना फिलिम में अभिनय करे के कहले, बाकीर उनुकर महतारी कहली कि उनुकर बेटी के पढ़ाई-लिखाई बर्बाद हो जाई, बाकीर बहुत समझवला के बाद आखिरकार उनुकर महतारी मान गईली।
1957 के फिलिम ‘देवदास’ में वैजयंती माला चंद्रमुखी के किरदार निभवले रहली, जवना खातिर उनुका के ओही साल फिल्मफेयर के सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री अवार्ड से सम्मानित कईल गईल रहे, बाकीर वैजयंती इs पुरस्कार स्वीकार करे से इनकार कs देली। उ कहली कि देवदास के जीवन में पारो से जादे चंद्रमुखी के महत्व रहे, एहसे जदी एकरा के देवे के बा त सर्वश्रेष्ठ नायिका के पुरस्कार देवे के चाही।
1959 में ‘मधुमती’, 1962 में ‘गंगा जमुना’ आ 1965 में ‘संगम’ फिलिमन खातिर फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड से सम्मानित भइली.
वैजयंती माला के नाम ‘शोमन’ राज कपूर से भी जुड़ल रहे। बतावल जाता कि उनुका चलते राज कपूर के पत्नी कृष्णा बच्चा के संगे घर छोड़ के महीना भर होटल में रहली। बाद में उs एs शर्त पs सहमत हो गईली कि राज कपूर फेर वैजयंती के संगे काम ना करीहे। जवना के बाद राज कपूर अवुरी वैजयंती माला के रिश्ता टूट गईल।
फिलिम के शूटिंग के दौरान एक बेर वैजयंती के निमोनिया के बेमारी हो गईल रहे। उनुकर इलाज डॉ.चमनलाल बाली करत रहले। बाली भी उनकर प्रशंसक में से एगो रहले। वैजयंती के इलाज करत घरी दुनु जने के प्यार हो गइल आ 10 मार्च 1968 के बियाह हो गइल, दुनु जने के एगो बेटा बा.
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