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Surya Grahan 2022 : दिवाली के बाद आज सूर्य ग्रहण , दशकन बाद बनल ग्रहण के दुर्लभ योग, जानीं सब कुछ

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Surya Grahan Solar Eclipse Date And Sutak Kaal Time: आज साल के आखिरी सूर्यग्रहण ह। हिंदू पंचांग के मोताबिक हर बरिस कार्तिक अमावस्या तिथि प लक्ष्मी-गणेश के पूजा करत दिवाली के त्योहार मनावल जाला आ अगिला दिने गोवर्धन पूजा कइल जाला। बाकिर अबकि बेर दिवाली के तुरंत बाद आंशिक सूर्यग्रहण लागी। कइयन बरिस बाद दिवाली के दूसरा दिने गोवर्धन पूजा ना होके एक दिन के अंतर बा। दिवाली आ गोवर्धन पूजा के बीच सूर्य ग्रहण के अइसन संयोग कइयन बरिस बाद पड़ रहल बा। एगो गणना के अनुसार पिछला 1300 बरिस के बाद सूर्य ग्रहण दु गो प्रमुख त्योहारन के बीचे पड़ला के संगे बुध, गुरु, शुक्र आ शनि सब आपन-आपन राशि में मवजूद रही। साल के ई आखिरी आंशिक सूर्यग्रहण भारत के कइयन हिस्सन में दिखाई दीं। भारत में सूर्यग्रहण दिखाई देला से एकर सूतक काल मान्य होई। जवना वजे से ग्रहण से संबंधित धार्मिक मान्यता के पालन कइल जाई। आई जानल जाव 25 अक्तूबर के लागे वाला सूर्य ग्रहण से संबंधित सब जानकारियन के आ एकरा प्रभाव के बारे में विस्तार से…

भारत में केतना बजे शुरू होई सूर्य ग्रहण ?

सूर्य ग्रहण के तिथि: 25 अक्टूबर 2022

सूर्य ग्रहण के समय (भारतीय समयानुसार) : 16:22 से 17:42 तक

सूर्य ग्रहण के समय अवधि:1 घंटा 19 मिनट

भारत में कहां-कहां लउकी सूर्यग्रहण

वैदिक पंचांग के गणना के अनुसार सूर्यग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि प लागला। अबकि बेर कार्तिक अमावस्यता तिथि 25 अक्तूबर के बा आ एही दिन आंशिक सूर्य ग्रहण लागी। देश के खगोल वैज्ञानिकन के मोताबिक दिवाली के बाद लागे वाला सूर्य ग्रहण देश के उत्तरी आ पश्चिमी भागन में आसानी के संगे देखल जा सकी, जबकि पूर्वी भागन में ई ग्रहण ना लउकी काहेकि इहां प सूर्यास्त जल्दी हो जाई। भारत में ग्रहण के शुरुआत सांझ के 4 बजे के बाद होई।

देश में एह जगहन प लउकी सूर्य ग्रहण- 

दिल्ली, राजस्थान,पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब,उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड. जम्मू, श्रीनगर, लेह आ लद्दाख।

देश के एह हिस्सन में कुछ समय खातिर लउकी सूर्य ग्रहण-

दक्षिण भारत के हिस्सा जइसे तमिलनाडु, कर्नाटक, मुंबई, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड आ पश्चिम बंगाल।

देश के एह हिस्सन में ना लउकी सूर्य ग्रहण

देश के पूर्वी भागन में असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर आ नागालैंड।

एह राशि में लागी सूर्य ग्रहण

ज्योतिष गणना के अनुसार दिवाली के बाद माने 25 अक्तूबर के लागे वाला सूर्यग्रहण तुला राशि में लागी।

दुनिया के कवना हिस्सन में लउकी सूर्य ग्रहण

25 अक्तूबर के साल के आखिरी सूर्य ग्रहण होई फेर 08 नवंबर के पूर्ण चंद्र ग्रहण लागी। ई सूर्य ग्रहण यूरोप, उत्तरी-पूर्वी अफ्रीका, मध्य और पश्चिमी एशिया, ऐशिया, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और प्रशांत महासागर।

सूर्य ग्रहण आ ज्योतिषीय संयोग

एह बरिस दिवाली के अगिला दिन सूर्य ग्रहण के योग आ ग्रहन के योग 1300 साल बाद बन रहल बा। ग्रहण के समय चार गो ग्रह खुद के राशि में मवजूद रही। जेमे बुध,गुरु, शनि आ शुक्र सब चारों ग्रह अपना-अपना राशि में मवजूद रही। शनि मकर राशि में, गुरु अपना मीन राशि में, बुध कन्या राशि में आ शुक्र तुला राशि में रही।

सूर्य ग्रहण के सूतक काल कब से होई शुरू

भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण लगला के कारण एकर सूतक काल मान्य होई। धार्मिक नजरिया से सूतक काल के शुभ ना मानल जाला। सूतक में पूजा-पाठ आ शुभ काम वर्जित होला। हिंदू पंचांग के गणना के मोताबिक 25 अक्तूबर के सूर्य ग्रहण सांझ चार बजे के लमसम शुरू हो जाई। सूर्य ग्रहण लगला प सूतक काल ग्रहण के शुरू होखला से 12 घंटा पहिले लाग जाला। ई ग्रहण करीब डेढ़ घंटा तक चली।

ग्रहण में का करी आ का ना करी?

जब कवनो ग्रहण लागत बा ओकरा पहिले सूतक काल आरंभ हो जाला। सूर्यग्रहण होखला प 12 घंटा पहिले आ चंद्र ग्रहण लगला प 5 घंटा पहिले सूतक काल शुरू हो जाला। सूतक काल के अशुभ मानल गइल बा एहिसे सूतक लगला प पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान आ शुभ काम ना कइल जाला। मंदिर के पट बंद हो जाला। ग्रहण में ना त खाना पकावल जाला आ ना खाना खाइल जाला। ग्रहण के दौरान मंत्रन के जाप आ ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान आ दान कइल जाला। ग्रहण के समाप्ति होखला प पूरा घर में गंगाजल से छिड़काव कइल जाला।

का ना करी

  • ग्रहण के दौरान कबो कवनो शुभ काम भा देवी-देवता के पूजा ना करे के चाहीं।
  • ग्रहण के दौरान ना भोजन पकावे के चाहीं आ ना कुछ खाये-पीये के चाहीं।
  • ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला लोगन के ग्रहण ना देखे के चाहीं आ ना घर से बाहर जाये के चाहीं।
  • ग्रहण के दौरान तुलसी सहित आउर पेड़-पौधन के ना छूवे के चाहीं।

 का करी 

  • ग्रहण शुरू होखला से पहिले माने सूतक काल प्रभावी होखला प पहिलही खाने-पीने के चीजन में पहिले से तुड़ल गइल तुलसी के पत्तन के डालके राखे के चाहीं।
  • ग्रहण के दौरान अपना इष्ट देवी-देवता लोगन के नाम के स्मरण करे के चाहीं।
  • ग्रहण के दौरान एकर असर के कम करे खातिर मंत्रन के जाप करे के चाहीं।
  • ग्रहण खतम होखला प पूरा घर में गंगाजल के छिड़काव करे के चाहीं।

सूर्य ग्रहण प गर्भवती महिला के कवन-कवन बातन के धेयान राखे के चाहीं?

धार्मिक मान्यतान के अनुसार गर्भवती महिला लोगन के ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरते के चाहीं। गर्भवती महिला के ना त ग्रहण देखे के चाही आ ना ग्रहण के दौरान घर से बाहर जाये के चाहीं। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला लोगन के विशेष सावधानी बरते के सलाह दिहल जाला आ एकरा पीछे कइयन गो धार्मिक मान्यता आ वैज्ञानिक तथ्य होला। ग्रहण के दौरान अगर गर्वभती महिला सूर्य ग्रहण देखत बा लो भा फेर बाहर निकलत बा लो त गर्भ में पल रहल नवजात शिशु प नकारात्मक असर पड़ेला। ग्रहण के दौरान सूरूज निकले वाला किरण मां आ बच्चन के सेहत प बुरा प्रभाव डालेला। ज्योतिष के नजरिया से ग्रहण के समय सूरूज आ चंद्रमा प बुरा ग्रह राहु-केतु के प्रभाव सबसे जादे होला। एह कारण से बच्चन के कुंडली में एह ग्रहन से संबंधित कवनो ना कवनो दोष हो सकत बा।

  • ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला बाहर जाये से बचें लो।
  • गर्भवती महिला लोगन के सूर्य ग्रहण ना देखे के चाहीं।
  • गर्भवती महिला ग्रहण शुरू होखला से पहिले आ खतम होखला के बाद जरूर नहाये के चाहीं।
  • ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला लोगन के कवनो नुकीला चीजन के प्रयोग करे से बचे के चाहीं।
  • सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला लोगन के सूते से बचे के चाहीं।

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