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लाल किला पर हमला से जुड़ल 22 साल केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसला, बरकरार रही आतंकी आरिफ के फांसी के सजा

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सुप्रीम कोर्ट 22 साल पुरान लाल किला पर हमला के मामला में बियफ़े के बड़ फैसला सुनवलस। कोर्ट हमला में दोषी करार दिहल गइल आतंकी आरिफ उर्फ अशफाक के फांसी के सजा बरकरार रखले बा। दरअसल, आरिफ सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर क के आपन सजा माफ करे के मांग कइले रहे। ओकर कहनाम रहल कि उ उम्रकैद के बराबर के सजा पहिलही जेल में काट चुकल बा।

चीफ जस्टिस यूयू ललित अउर न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी के एक पीठ कहलस कि उ ‘इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड’ पर विचार करे के आवेदन स्वीकार कइलें बानें। पीठ कहलस, ‘‘हमनीके ओ आवेदन के स्वीकार करतनीं कि ‘इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड’ पर विचार कइल जाए के चाहीं। ऊ दोषी साबित भइल बानें। हम एह अदालत द्वारा कइल गइल फैसला के बरकरार रखतनी अउर पुनर्विचार याचिका खारिज करतनी।

का ह मामला?

22 दिसंबर 2000 में दिल्ली के लाल किला पर भइल हमला में तीन लोग के मौत हो गइल रहे। एहमें हमला में सेना के दू जवान समेत तीन लोग मारल गइल रहनें। आरिफ उर्फ अशफाक एही मामले में पकड़ल गइल रहे, मुख्य आरोपी बा। तब से ऊ दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद बा। बाद में आरिफ को कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन आरिफ सुप्रीम कोर्ट में फांसी पर रोक लगावे के याचिका दायर कइले रहे।

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