राजीव गांधी के दोषियन के रिहाई दे दिहल गइल तs हमके काहे नाहीं?’, SC के अहम फैसला
आपन पत्नी के हत्या के आरोप में 30 साल से जेल में बंद 84 साल के एगो आदमी उम्रकैद के फांसी के सजा से भी जादे बतवले बा। एकरा पs सुप्रीम कोर्ट बुध (11 सितंबर 2024) के कहलस कि रउरा चाहतानी कि आपके सजा के फांसी में बदल दिहल जाए। स्वामी श्रद्धानंद उर्फ मुरली मनोहर मिश्र रिहाई के निहोरा करत कहले कि उs लगातार 30 साल से बिना कवनो पैरोल के जेल में बंद बाड़े अवुरी एs दौरान उनुका खिलाफ कवनो प्रतिकूल मामला दर्ज नईखे भईल।
जस्टिस रामकृष्णन गवई, जस्टिस पीके मिश्रा आ जस्टिस केवी विश्वनाथन के पीठ जेल से रिहाई के निहोरा करे वाला रिट याचिका के खारिज कs दिहलस. हालांकि पीठ उनुका अलग याचिका के सुनवाई करे पs सहमत हो गईल, जवना में सुप्रीम कोर्ट के जुलाई 2008 के फैसला के समीक्षा के मांग कईल गईल रहे, जवना में उनुका के जिनिगी भर जेल से रिहा ना करे के निर्देश दिहल रहे। बेंच कहलस, ‘तू चाहत बाड कि एकरा के फांसी में बदल दिहल जाव?’ दोषी के वकील कहले कि हो सके तs आज के तारीख पs फांसी बेहतर स्थिति होई।
पीठ पूछलस कि का रउरा अपना मुवक्किल से बात कइले बानी? वकील जवाब देले कि हम उनुका से बात नईखी कईले। उनुकर तर्क रहे कि श्राद्धानंद के दिहल अयीसन सजा तत्कालीन भारतीय दंड संहिता के तहत ना दिहल गईल रहे। आरोपी के ओर से पेश अधिवक्ता वरुण ठाकुर कहले कि एs मामला में सजा न्यायिक कबूलनामा के आधार पs भईल बा। पीठ सोचत रहे कि अब का हमनी के केस फेर से खोलल जाव? पीठ कहलस कि कर्नाटक हाईकोर्ट के संगे सुप्रीम कोर्ट भी उनुका सजा के सही ठहरवलस।
श्रद्धानंद के पत्नी शकेरेह तब के रियासत मैसूर के पूर्व दीवान सर मिर्जा इस्माइल के पोती रहली। अप्रैल 1986 में दुनों के बियाह भईल रहे अवुरी मई 1991 के अंत में शेकरेह अचानक गायब हो गईली। मार्च 1994 में केंद्रीय अपराध शाखा बेंगलुरु लापता शेकरेह के लेके शिकायत के जांच के जिम्मा ले लिहलस। गहन पूछताछ के दौरान श्रद्धानंद अपना पत्नी के हत्या के बात कबूल कईले। एs मामला में शेकरेह के लाश के उत्खनन अवुरी श्रद्धानंद के गिरफ्तार कs लिहल गईल।
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