बीएचयू दीक्षांत समारोह से पहिले विरोध में उतरलें छात्र, भेदभाव के आरोप लगा के जम के कइलें नारेबाजी

कुमार आशू
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में 10 दिसंबर के होखे वाले 102वें दीक्षांत समारोह से पहिले छात्रन के विरोध शुरू हो गइल बा। बियफ़े के केंद्रीय कार्यालय पर छात्र कुलपति से मिले पहुंचलें। जब कुलपति से नाइ मिल पवलें त विरोध में छात्र लोग बाहर प्रदर्शन क के विश्वविद्यालय प्रशासन पर भेदभाव के आरोप लगवलें।
प्रदर्शन करे वाले छात्र बतवलें कि विश्वविद्यालय के ओर से छह सितंबर के जारी आदेश में 2019-20 अउर 2020-21 में पास होखे वाले छात्र-छात्रा के दीक्षांत समारोह में उपाधि नाइ देहले के बात सामने आइल बा। एहमें 2021-22 वाले छात्रन के समारोह में मेडल, डिग्री दूनों देहले के जिक्र बा। एके ले के छात्र सब जम के नारेबाजी भी कइलें।

दीक्षांत समारोह में उपाधि पावल सबकर सपना

उनकर कहनाम बा कि दीक्षांत समारोह में उपाधि पावल हर छात्र के सपना होला, लेकिन विश्वविद्यालय भेदभाव कइले बा। अइसे में परंपरा के अनुसार 2019-20 अउर 2020-21 में पास होखे वाले सब छात्र-छात्रा के भी दीक्षांत समारोह के माध्यम से उपाधि दिहल गइल बा।

सूचना पा के प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्य भी पहुंच गइलें अउर छात्रन के मनावे के प्रयास कइलें लेकिन छात्र माने के तैयार नाइ भइलें। उनकर कहनाम रहल कि अगर विश्वविद्यालय मांगें नाइ मनलस त उग्र आंदोलन खातिर बाध्य होइहें। जेकर जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन के होई। एह दौरान विवेक सिंह, विपुल सिंह, सूर्यभान सिंह, अभिनव कुमार, पवन, सृजन जायसवाल आदि छात्र-छात्रा लोग मौजूद रहल।
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