टेक डेस्क। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) एलन मस्क के कंपनी Starlink के भारत में सैटेलाइट कम्युनिकेशन (SatComm) सेवा देवे खातिर आधिकारिक लाइसेंस जारी कs देले बिया, हालांकि एकर जानकारी फिलहाल पीटीआई सूत्रन के हवाले से देले बा।
दूरसंचार विभाग के सूत्र पुष्टि कइले बा कि स्टारलिंक के लाइसेंस मिल गइल बा आ कहलस कि आवेदन कइला के 15-20 दिनन के भीतर ओकरा के परीक्षण स्पेक्ट्रम प्रदान कs दिहल जाई। Starlink के भारत में ब्रॉडबैंड आ सैटेलाइट इंटरनेट सेवा सुरू करे के हरियर झंडी मिल गइल बा। ई मंजूरी भारत के ग्रामीण आ दुर्गम क्षेत्रन में हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचावे में मदद कs सकत बा।
अभी करे के होई आउर इंतजार
TRAI (भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) सैटकॉम कंपनियन खातिर स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन के सिफारिश कइले बा, बाकिर DoT एह सिफारिशन के अभी तक मंज़ूरी नइखे देले। TRAI ने इहो सिफारिश कइले बा कि सैटकॉम कंपनियन से AGR (एजजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) के 4% शुल्क लिहल जाव। अब Starlink के भारत में आपन सेवा सुरू करे खातिर स्पेक्ट्रम के मंजूरी के इंतजार बा। जदि TRAI के सिफारिश मंजूर होत बा, तs Starlink जल्दिये भारत में आपन सैटेलाइट इंटरनेट सेवा सुरू कs सकत बा।
बता दीं कि हाले में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कहले रहस कि स्टारलिंक सैटेलाइट कनेक्टिविटी टेलीकॉम के गुलदस्ता में एगो आउर फूल के तरे बा। मोबाइल कनेक्टिविटी के संगे-संगे हमनी के लगे ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटियो बा, बाकिर सैटेलाइट कनेक्टिविटी दूरदराज के इलाकन में बहुते अहम बा, जहां वायर्ड कनेक्शन आसानी से नइखे पहुंच सकत।”
ऊ आगे बतवलें, “आवे वाला दिनन में तीसरको लाइसेंस जारी कइल जाई। पहिला लाइसेंस OneWeb के दिहल गइल रहे, दूसरका रिलायंस के दिहल गइल बा आ तीसरका लाइसेंस StarLink के दिहल जा रहल बा। एकरा बाद सरकार स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराई आ देस में ई सेवा जल्दिये सुरू होई।”
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