दिल्ली पुलिस समाजसेवी मेधा पाटकर के गिरफ्तार क लेले बिया। मेधा पटकर के दिल्ली के निजामुद्दीन से गिरफ्तार कर लिहल गइल बा. मेधा के खिलाफ कोर्ट गैर जमानत वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी कईले रहे। आजु उनुका के साकेत कोर्ट में पेश कइल जाई.
साकेत कोर्ट बुधवार के मेधा पाटकर के खिलाफ गैर जमानत वारंट जारी कईले रहे। उनुका पs मानहानि के मामला में प्रोबेशन बांड जमा करे अवुरी एक लाख रुपया के जुर्माना देवे के आदेश के जानबूझ के उल्लंघन करे के आरोप बा।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के मानहानि के मामला में मेधा पाटकर के परेशानी बढ़ गईल बा। एकरा से पहिले कोर्ट उनुका के तीन महीना के जेल के सजा सुनवले रहे, लेकिन उनुका उम्र अवुरी स्वास्थ्य के देखत उनुका के जेल से राहत दिहल गईल अवुरी प्रोबेशन पs रिहा कs दिहल गईल। शर्त रहे कि मुआवजा के रूप में दस लाख रुपया देवे के होई अवुरी कोर्ट के आदेश के पालन करे के होई। बाकिर मेधा पाटकर ना तs मुआवजा जमा कइली ना कोर्ट में हाजिर भइली. कोर्ट उनुका के 23 अप्रैल के हाजिर होखे के कहले रहे, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के हवाला देत उs ना अईली। एकरा बाद कोर्ट कड़ा रुख अपनावलस अवुरी उनुका खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी क के 3 मई तक अदालत में पेश होखे के आदेश देलस।
सुनवाई के दौरान कोर्ट इs सब बात कहलस
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल सिंह बतवले कि सजा के आदेश के पालन करे खातीर 8 अप्रैल के अदालत में पेश होखे के बजाय दोषी (पटकर) अनुपस्थित बाड़े अवुरी सजा के आदेश के पालन करे अवुरी मुआवजा के राशि जमा करे के अधीन परिवीक्षा के लाभ जानबूझ के ना ले पावल बाड़े। कोर्ट कहलस कि, “साफ बा कि दोषी के मंशा जानबूझ के अदालत के आदेश के उल्लंघन करता; उS अदालत में पेश होखे से परहेज करत बाड़ी अवुरी उनुका खिलाफ सजा के शर्त के भी स्वीकार करे से परहेज करतारी। 8 अप्रैल के एs अदालत के ओर से सजा निलंबित करे के कवनो आदेश नईखे।”
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