Ram Navami Special: जानि राम नौमी मे माई दुर्गा के नउआ शक्ति सिद्धिदात्री के कहानी, आरती, मंत्र , रंग आ पूजा के विधि

Share

Ram Navami Special: जानि राम नौमी मे माई दुर्गा के नउआ शक्ति सिद्धिदात्री के कहानी, आरती, मंत्र , रंग आ पूजा के विधि

Ram Navami Special: खबर भोजपुरी आप सभे के सोझा लेके आइल बा राम नौमी के नौ दिन के, नौ रूप के कहानी| आजु ३० मार्च के राम नौमी मे माई दुर्गाजी के नउआ शक्ति माई सिद्धिदात्री के बारे मे| आई जानल जा-

 

माई सिद्धिदात्री के कहानी

एगो कथा के अनुसार भगवान शिव माता सिद्धिदात्री के कड़ा तपस्या क के सभ आठ सिद्धि के प्राप्ति कईले रहले। ओही समय माई सिद्धिदात्री के कृपा से भगवान शिव के आधा शरीर देवी बन गइल रहे आ उनुका के अर्धनारीश्वर कहल जात रहे। ई माँ दुर्गा के बहुत शक्तिशाली रूप ह। शास्त्र के अनुसार देवी दुर्गा के ई रूप सब देवी-देवी के तेज से प्रकट भइल बा।

कहल जाला कि महिषासुर राक्षस के अत्याचार से परेशान होके सभे देवता भगवान शिव आ विष्णु भगवान के लगे निहोरा करे गईले। तब उहाँ मौजूद सब देवता लोग से एगो चमक उठल। ओह महिमा से एगो दिव्य शक्ति के निर्माण भइल। जेकरा माँ सिद्धिदात्री के नाम से जानल जाला।

पौराणिक मान्यता के अनुसार माँ सिद्धिदात्री में अनिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, इशित्व आ वशिष्ठ सिद्धि बा। माता रानी सभ आठ उपलब्धि से अपना भक्तन के पूरा करेली।

 

माँ सिद्धिदात्री के पूजा विधि

पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान शिव माई सिद्धिदात्री के तपस्या करके आठ सिद्धि प्राप्त कइले। विधिवत माई के पूजा आ मंत्र के पाठ से आठ उपलब्धि आ बुद्धि के प्राप्ति हो सकेला। माँ सिद्धिदात्री के पूजा करे खातिर सबसे पहिले सबेरे सबेरे उठ के नहाये। एकरा बाद साफ कपड़ा पहिनीं। माई खातिर पूजा स्थल तैयार करीं, ओकरा बाद माँ सिद्धिदात्री के मूर्ति स्थापित करीं।

माँ सिद्धिदात्री के ध्यान करत घरी, माँ सिद्धिदात्री के प्रसाद चढ़ाईं। माता रानी के फल, फूल आदि चढ़ा के दीप जरा के माँ सिद्धिदात्री के आरती करीं। पूजा के अंत में माँ सिद्धिदात्री के आशीर्वाद मांगी|

 

माँ सिद्धिदात्री के आरती 

जय सिद्धिदात्री मां तू सिद्धि की दाता।

तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता।

तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।

तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।।

कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।

जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।

तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।

तू जगदंबे दाती तू सर्व सिद्धि है।।

रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।

तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।

तू सब काज उसके करती है पूरे।

कभी काम उसके रहे ना अधूरे।।

तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।

रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।

सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।

जो है तेरे दर का ही अंबे सवाली।।

हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।

महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।

मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।

भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।।

 

माँ सिद्धिदात्री मंत्र

इहाँ हम माँ सिद्धिदात्री के पूजा करे खातिर माँ सिद्धिदात्री मंत्र देले बानी। एह माँ सिद्धिदात्री मंत्र के कम से कम 108 बेर पाठ कइल अत्यंत शुभ मानल जाला।

“ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥”

 

सिद्धिदात्री माता स्तुति मंत्र

“या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥”

 

सिद्धिदात्री माता प्रार्थना मंत्र

“सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥”

 

सिद्धिदात्री माता ध्यान मंत्र

वन्दे वाञ्छित मनोरथार्थ चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

कमलस्थिताम् चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्विनीम्॥

स्वर्णवर्णा निर्वाणचक्र स्थिताम् नवम् दुर्गा त्रिनेत्राम्।

शङ्ख, चक्र, गदा, पद्मधरां सिद्धीदात्री भजेम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।

मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोला पीन पयोधराम्।

कमनीयां लावण्यां श्रीणकटिं निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

सिद्धिदात्री माई के शुभ रंग

गुलाबी रंग प्रेम, करुणा और ताजगी का प्रतीक है।भक्तन के गुलाबी रंग पहिरे के चाहीं काहे कि ई नवरात्रि के महानवमी तिथि खातिर शुभ रंग ह|

 

Share this article

Facebook
Twitter X
WhatsApp
Telegram
 
- Sponsored Ads-