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भारत-चीन सीमा पर राफेल आ सुखोई करी अभ्यास, जानीं एह लड़ाकू विमानन के खासियत, देखीं तस्वीर

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रूस निर्मित सुखोई-30 एमकेआई के तवांग में अभ्यास करावल जाई। सुखोई-30 के भारतीय वायुसेना के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान मानल जाला। ई उड़ान के दौरान हवा में फ्यूल भर सकत बा। बतावत चलीं कि सुखोई-30 करीब 3 हजार किमी तक उड़ान भर सकत बा।

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में पिछला हफ्ता भइल भारत आ चीन के सैनिकन के बीच झड़प के बाद भारतीय वायुसेना पूर्वोत्तर में दु दिवसीय अभ्यास करे जा रहल बा। वायु सेेना अभ्यान खातिर सुखोई-30 एमकेआई आ राफेल जेट के सामिल कइल गइल बा।

रूस निर्मित सुखोई-30 एमकेआई के तवांग में अभ्यास करावल जाई। सुखोई-30 के भारतीय वायुसेना के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान मानल जाला। ई उड़ान के दौरान हवे में फ्यूल भर सकत बा। बतावत चलीं कि सुखोई-30 करीब 3 हजार किमी तक उड़ान भर सकत बा।

सुखोई-30 के लेके भारत आ रूस के बीच साल 2000 में समझौता भइल रहे। एकरा 2 साल बाद सुखोई-30 के भारतीय बेड़ा में सामिल कइल गइल रहे। इहो बता दीं कि सुखोई-30 के भारत में सामिल होखतही भारतीय वायुसेना के ताकत कइयन गुना बढ़ गइल रहे। वर्तमान में भारत के लगे 150 से बेसी सुखोई विमान बा।

भारतीय वायुसेना के बेड़ा में सामिल राफेल फाइटर जेट दुश्मन देसन के हथियार मार गिरावे में कारगर बा। ई प्लेन हैमर आ लेजर गाइेडड के मदद से मिसाइली हमला करत बा। बतावत चलीं कि राफेल इंटेलिजेंस, सर्विलांस, टोही गतिविधियन में ई विमान गजब के एक्यूरेसी दिखवले बा।

राफेल के ताकत के आगे चीन के कई विमान बौना बा। राफेल 3700 किमी के करीब उड़ान भर सकत बा। एह प्लेन में तीन तरह के मिसाइले लागत बा। राफेल के खासियत बा कि ई हवे में मिसाइल के मारके गिरा सकत बा।

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