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Bihar News: का भइल जब नीतीश पहुंचलें ओह घर में, जेकर बेटी के प्रण बा- पहिले हरायेम, फेर मास्क हटायेम

सीएम नीतीश कुमार के पुष्पम प्रिया चौधरी के आवास पs जाये के लेके प्रतिक्रिया देत ऊ कहली कि हमनी के उनका घर से पारिवारिक संबंध अपना जगे बा। बाकिर हम आजो राजनीतिक रूप से नीतीश कुमार के खिलाफ बानी। ऊ कहली कि ई राजनीतिक बात करे के समय नइखे।

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पूर्व विधान पार्षद दिवंगत विनोद चौधरी के बेटी आ प्लूरल्स पार्टी सुप्रीमो पुष्पम प्रिया चौधरी कहली कि दादा जी उमा कांत चौधरी के बहुते करीबी मित्र रहस। हमार बाबूजी से नीतीश कुमार के पारिवारिक संबंध रहल। एही नाते आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनका आवास पs शोक व्यक्त करे पहुंचल रहस। एह पs प्रतिक्रिया देत पुष्पम प्रिया कहली कि हमनी के उनका घर से पारिवारिक संबंध अपना जगे बा। बाकिर हम आजो राजनीतिक रूप से नीतीश कुमार के खिलाफ बानी। ऊ कहली कि ई राजनीतिक बात करे के समय नइखे।

‘दुनों व्यक्तियन के बहुते पुरान रिश्ता रहल बा’

पुष्पम प्रिया कहली कि हमार बाबूजी बहुत दिनन से राजनीति करत रहलें। ऊ विश्विद्यालय के राजनीति कइलें। फेर ऊ इंदिरा गांधी के संगे राजनीति कइलें। फेर नीतीश कुमार नया पार्टी बनवलें तs उनको संगे जुड़के राजीनीति कइलें। ऊ मिथिलांचल के पहिला सीट जदयू से जीतले रहस। दुनो व्यक्तियन के बहुते पुराना रिश्ता रहल बा। अंतिम समय तक जदयू में रहलें।

बाबूजी के नेता होखे के नाते राउर दुआरी पs हमेशा स्वागत

ओहिजा सीएम नीतीश कुमार के गइला के बाद पुष्पम प्रिया चौधरी सोशल मीडिया पs पोस्ट लिख कहली कि परिवार के सदस्य आ पिता के नेता होखला के नाते राउर हमनी के दुआरी पs हमेशा स्वागत बा। अपना साथी के श्राद्ध-कार्यक्रम में सामिल होखे खातिर राउर धन्यवाद। उहां रउआ के बहुत मानत रहलें। उन्हें अच्छा लगा होगा।

जीते के जरूरत बा

18 जुलाई के अपना बाबूजी के मुखाग्नि देला के बाद पुष्पम प्रिया चौधरी कहली कि बिहार के बदहाली से जीते के जरूरत बा। पता ना लोगन के हक समझ में आवेला कि ना। बाकिर, एगो आदत जरूर हो गइल बा। ऊ कहली कि लोगन के सायद हमार भाषा समझ में ना आवे, काहेकि आदत हो गइल बा। हमरा नजर आवेला, ऊ संभावना कि हमनी के केतना बेहतर हो सकत बानी। हमनी के केतना आगे जा सकत बानी सs। सायद इहे कारण बा कि हम इहां बानी। ना तs फेर इहां होखे के कवनो कारण नइखे। केहू जे एक बेर इहां से निकल जाला, ऊ वापस ना आवेला। तs ओहि से जीते के बा। पुष्पम प्रिया कहली कि केहू बाहर से आके ना जीती, सबके मिलके जीते के पड़ी। अपना बिहार में, के बिहार के हs, के ना हs… ई तs खुदे समझे के पड़ी।

साभार: अमर उजाला

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