प्रयागराज हाईकोर्ट के अहम फैसिला- बिना केस दर्ज भइलहूँ सकत बा गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई
हिंदी दिवस पर न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी बुध के एगो मामला में हिंदी में फैसला सुनवलें। हाईकोर्ट कहलस कि पहिले से अगर कौनो अपराध दर्ज नाइ बा तब्बो गिरोह बंद कानून के तहत कार्रवाई कइल जा सकsता। कोर्ट कहलस कि अभियोग कार्यवाही खातिर जरूरी नाइ बा कि कौनो FIR दर्ज होखे अउर गिरोह के सारिणी बनल होखे।
कोर्ट कहलस कि भलही डेरा के केहू प्राथमिकी दर्ज करावे के हिम्मत नाइ जुटा पा रहल होखे। अपराधी के हरकत गिरोह के परिभाषा में आ रहल होखे त बिना कौनो केस दर्ज भइले गिरोह बंद कानून के तहत अभियोग के कार्यवाही कइल जा सकsता।
कोर्ट कहलस, प्रश्नगत मामला में सामूहिक दुष्कर्म कइल गइल बा, प्राथमिकी दर्ज न करावे के धमकी देहल गइल बा। एतने नाइ, दहशत फइलावल गइल बा कि प्राथमिकी दर्ज नाइ हो पवलस। अइसन अपराध खातिर गिरोह बंद कानून के तहत कार्रवाई सही बा। आरोपी सब लोक व्यवस्था अस्त-व्यस्त कइलें। समाज विरोधी गतिविधि क के भय के माहौल बनवलस। कोर्ट दर्ज आपराधिक मामला में हस्तक्षेप कइले से इन्कार कs दिहलस।
कोर्ट इरफान अउरी फहीम के याचिका खारिज कर दीहलस। एनके खिलाफ रामपुर के कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज बा। दूनों आरोपी ग्राम टांडा खेड़ा, अजीमनगर रामपुर के निवासी हवें। दूनो अपराध में लिप्त बानें। गैंग बना के अपराध करेने अउरी दहशत फैला के रखले बानें। कोर्ट गिरोह बंद कानून के उपबंधन के देखलस अउरी कहलस कि काम-धाम गैंग अपराध के बा त बिना केस के भी गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई कइल जा सकsता।
Comments are closed.