जमशेदपुर : नगर के अग्रणी साहित्यिक संस्था ‘जमशेदपुर भोजपुरी साहित्य परिषद के ओर से स्थानीय तुलसी भवन के प्रयाग कक्ष में बुध के परिषद के पूर्व प्रधान सचिव आ भोजपुरी साहित्य जगत के युग पुरुष डॉ. रसिक बिहारी ओझा “निर्भीक” जयंती सह स्मृति सम्मान समारोह के आयोजन कइल गइल।
एह अवसर पs विगत बरिसन के भाँति भोजपुरी-हिंदी साहित्य के लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार आ अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के पूर्व प्रवर समिति सदस्य डॉ. सुनील कुमार पाठक (पटना) के मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. जंग बहादुर पाण्डेय, विशिष्ट अतिथि त्रय अरका जैन विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. अंगद तिवारी, टाटा मोटर्स के पूर्व उप महाप्रबंधक डॉ. चन्द्रेश्वर खां आउर संस्कार भारती, जमशेदपुर महानगर के अध्यक्ष डॉ. रागिनी भूषण के ओर से संयुक्त रुप से “निर्भीक स्मृति सम्मान – 2025” के रूप में अंगवस्त्रम्, पगड़ी, श्रीफल, सम्मान पत्र, स्मृति चिह्न, पुष्पगुच्छ आ नकद सम्मान राशि प्रदान कइल गइल। एकरा परिषद् के प्रधान सचिव डॉ. अजय कुमार ओझा के ओर से सम्पादित नगर से प्रकाशित भोजपुरी पत्रिका “निर्भीक संदेश” के 27वां अंक के लोकार्पण सम्मानित अतिथि डॉ. पाठक के ओर से कइल गइल।
कार्यक्रम के अध्यक्षता परिषद अध्यक्ष डॉ. प्रसेनजित तिवारी आ संचालन साहित्य सचिव दिव्येन्दु त्रिपाठी कइलें।
कार्यक्रम के आरंभ मंचासीन अतिथियन द्वारा दीप प्रज्जवलन आ डॉ. निर्भीक के चित्र पर पुष्पार्पण के बाद संयुक्त सचिव माधवी उपाध्याय के सरस्वती वंदना से भइल —
” जगतव्यापिनी के जय जय जय
हँसवाहिनी के जय जय जय!!”
एकरा बाद प्रधान सचिव डॉ. अजय कुमार ओझा अपना स्वागत वक्तव्य के दौरान उपस्थित साहित्य साधकन के हार्दिक अभिनंदन करत परिषद द्वारा पिछला 12 बरिसन से दिहल जाये वाला डॉ. निर्भीक स्मृति सम्मान के विस्तार से चरचा कइलें। निर्भीक जी के प्रति काव्यात्मक श्रद्धांजलि डॉ. वीणा पाण्डेय ‘भारती’, कैलाशनाथ शर्मा ‘गाजीपुरी’ आ कैस्रियन पब्लिक स्कूल के डॉ. विनोद सिंह गहरवार प्रस्तुत कइलें। एकरा बाद निर्भीक जी के कृतित्व के विविध आयाम पs चरचा सुस्मिता मिश्रा, निवेदिता श्रीवास्तव, लक्ष्मी सिंह रुबी आ आरती श्रीवास्तव कइलें। सम्मानित अतिथि के साहित्यिक परिचय सह सचिव डॉ. संध्या सिन्हा प्रस्तुत कइली।
अपना संबोधन के दौरान मुख्य अतिथि जंग बहादुर पाण्डेय परिषद द्वारा पूर्वज के इयाद कइल गइला पs प्रसन्नता व्यक्त कइलें। डॉ. अंगद तिवारी कहलें कि भोजपुरी के ताजगी हमरा मन के हमेसा आनंदित करेला। डॉ. निर्भीक जी के कृतित्व के जादे से जादे पढ़े आ समझे के जरूरत बा। विशिष्ट अतिथि चंद्रेश्वर खां बतवलें कि डॉ. निर्भीक के संगे हम बहुत लमहर समय तक जुड़ल रहल। ऊ हमार बहुत आत्मीय रहे। भोजपुरी भाषी लोगन के आपन भाषा के प्रयोग बिना कवनो भय आ झिझक के करे के चाहीं। ई साहसी लोगन के भाषा हs। डॉ. रागिनी भूषण डॉ. निर्भीक के भोजपुरी में नया-नया विधा के रचनाकार बतवलें। सम्मानित अतिथि डॉ. सुनील कुमार पाठक एह गद्य-पद्य मिश्रित समारोह के चम्पू शैली के समारोह बतावत डॉ. निर्भीक के छायावादी कवियन के तरे भोजपुरी में हर विधा के नया विधा में काम करे के श्रेय देलें।
कार्यक्रम के अंत में परिषद के सांस्कृतिक सचिव राजेन्द्र साह ‘राज’ के ओर से आभार प्रदर्शन कइल गइल। एह अवसर पs शताधिक साहित्यकारन सहित भोजपुरी प्रेमी जन उपस्थित रहलें।