परशुराम लक्ष्मण संवाद देखके विचलित भइले दर्शक
पिपरौली-गीडा।दीपक त्रिपाठी। शतचंडी महायज्ञ के चौथा दिन श्री धनुषधारी पान्डेय अवध आदर्श रामलीला मण्डल अयोध्या के खेलल धनुष यज्ञ अउर परशुराम लक्ष्मण संम्बाद के प्रंसग प्रस्तुत कइल गइल।
धनुष यज्ञ के अवसर पs बहुसंख्यक राजा आइल रहने जे धनुष भंग के कहे, धनुष हिला तक नाइ पवनें। गुरु विश्वामित्र के आदेश पाके राम बड़की धनुष तूड़ के राजा जनक के सपना पूरा कइने। चारों ओर जयजयकार होखे लागल। शिवधनुष खण्डित भइले के सुचना पर पहुंचल परशुराम जी खिसिया गइनें, जेसे दर्शक बिचलित हो उठने।
राम अउर लक्ष्मण दूनों भाई परशुराम जी के मधुर बचन से क्षमा याचना कइने।
हरिहर तिवारी गुरु विश्वामित्र के,अभिषेक झा राम के अउर रामजी झा लक्ष्मण के अउर अवनीश माता सीता के अउर उमेश परशुराम के रोल अदा कइने। पंडित विश्राम तिवारी सबके मार्ग दर्शन करत रहने।
दर्शन दीर्घा मे कौशल निगम, राजा राम, मातादीन, देवी शरण लाल,राजेश, संतोष, दिलीप गुप्ता, विनोद मद्धेशिया, अंबे निगम, लक्ष्मण कसेरा, जयहिंद, रामदयाल आदि उपस्थित रहने।
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