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बिहार के खेत में मिलल माइक्रो प्लास्टिक कण, इंसान में कैंसर समेत कई गंभीर बेमारी के खतरा

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बिहार के दु जिला में खेत अवुरी फसल में माइक्रो प्लास्टिक के मौजूदगी मिलल बा, जवना से इंसान में कैंसर समेत बहुत गंभीर बेमारी हो सकता। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष के मुताबिक, हाल के अध्ययन में बिहार के भागलपुर अवुरी बक्सर में खेत, फसल में सूक्ष्म प्लास्टिक के मौजूदगी के पता चलल बा, जवन कि हमनी खाती गंभीर चिंता के विषय बा।

उ कहले कि, जल्दिए ए दुनो जिला में कृषि भूमि में माइक्रो प्लास्टिक के मौजूदगी के आकलन करे खाती अध्ययन कईल जाई। घोष कहले कि, माइक्रो प्लास्टिक 5 मिमी से कम व्यास के प्लास्टिक ह, जवना के हमनी के नंगी आंख से नईखी देख सकत। सूक्ष्म प्लास्टिक पर्यावरण प्रदूषण के एगो प्रमुख स्रोत बन गइल बा। पानी बोतल, दूध, फल-सब्जी के माध्यम से मनुष्य के संपर्क में आवेला।

चीन अइसन मछरी बनवले बा, जवन माइक्रो प्लास्टिक खा जाई

चीनी वैज्ञानिक माइक्रोप्लास्टिक खाए वाली मछरी बनवले बाड़े। इ चावल के दाना से बहुत छोट प्लास्टिक के टुकड़ा खाए में सक्षम बा। एकरा के समुंदर के सफाई खातिर बनावल गईल बा। करिया रंग के ई रोबोट मछरी एगो रोशनी के मदद से काम करेले। एकरा माध्यम से उ आपन पाँख फड़फड़ा सकेली अवुरी अपना शरीर के हिला सकेली।

सिचुआन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता वांग युआन बतवले कि इ रोबोट मछरी एक दिन दुनिया भर के महासागर से निकलल माइक्रोप्लास्टिक कचरा के साफ क दिही। ई स्पर्श करे में नाजुक होला आ 1.3 सेमी (0.5 इंच) तक ले लंबा होला। वांग के मुताबिक, भले ही गलती से पानी में मौजूद अवुरी मछरी खा जास, लेकिन एकरा से असली मछरी के कवनो नुकसान ना होई।

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