मणिमहेश में अखंड चंडी पैलेस नाम से एगो आउर दर्शनीय स्थल बा जवन लोगन के बीच आपन खूबसूरती आ वास्तुकला खातिर जानल जाला। ई एगो महल हs जवना के निर्माण राजा उम्मेद सिंह करवले रहस। एह जगह के लोग देखे आवेला आ एकरा संगे आपन तस्वीरन के खिचवांवल पसंद करेला। ई जगह सुरूए में आवेला एहिसे एकरा के मणिमहेश यात्रा के गेटवे के नामो से जानल जाला।
मणिमहेश यात्रा
मणिमहेश यात्रा खाली देसे में ना बलुक दुनिया भर में प्रसिद्ध बा। ई विशाल यात्रा भोलेनाथ के समर्पित बा आ हर साल अगस्त आ सितंबर के महीना में आयोजित कइल जाला। मणिमहेश यात्रा के दौरान एक संगे बहुत बड़ संख्या में लोग यात्रा कर रहल होला जवना के वजह से सुविधा बढ़ जाला आ एह कठिन यात्रा के करे में तनी-मनी सहूलियत मिल जाला। एहिसे एमे जादे से जादे लोग सामिल होला।
मणिमहेश शिखर
मणिमहेश यात्रा के दौरान रउआ तरे-तरे के अनुभवन से होके गुजरे के पड़ेला। मन में साहस आ सरधा होला सायद एहिसे यात्रा सम्भव हो पावेला। कुछ लोगन के साहस एतना उच्चतम स्तर पs होला कि ऊ मणिमहेश शिखर तक जाला लो। रउओ जदि मणिमहेश शिखर तक के यात्रा कइल चाहत बानी तs सबसे पहिले एह जगह पs जाये खातिर परमिट आदि के प्रक्रिया पहिले से पूरा कs के जाई।
नोट: ई लेख जानल मानल ट्रैवल ब्लॉगर संजय शेफर्ड जी के लिखल हs।
संजय शेफर्ड जी के परिचय:
भारत के जानल-मानल ट्रेवल ब्लॉगर संजय शेफर्ड जुनूनी, जुझारू, आ जिंदादिल ट्रैवलर के रूप में प्रसिद्ध बानीं। संजय दुनिया के ओह गिनल-चुनल ट्रैवल ब्लॉगर के सूची में सामिल कइल जाला, जे कठिनतम परिस्थितियन में काम करत, अपना पैशन के जियेला। संजय ट्रैवल लेखक, ब्लॉगर के संगही एगो संवेदनशील कवियो बानी।