भगवान शिव के भक्तन खातिर महाशिवरात्रि के दिन बहुत महत्वपूर्ण बा। ई परब पूरा देश में बहुत श्रद्धा आ भक्ति से मनावल जाला। एह मौका पs अलग-अलग जगह पs भव्य शिव बारात निकालल जाला, जवना में भक्त बहुत उत्साह से भाग लेवेले। महाशिवरात्रि के दिन शिव-गौरी के पूजा कईला से वैवाहिक जीवन में सुख आ समृद्धि मिलेला। एह दिन व्रत रखला आ भगवान भोलेनाथ के पूजा कइला से अविवाहित लइकिन के आपन मनचाहा आ उपयुक्त जीवन साथी पावे के आशीर्वाद मिलेला। ई उहे पावन दिन हs जब भगवान शिव आ माई पार्वती के बियाह भइल रहे। एह शुभ दिन भक्त लोग रुद्राभिषेक करके, महामृत्युंजय मंत्र के जाप करके, शिवलिंग पs जल आ बेल पत्र चढ़ा के भगवान शिव के खुश करेले। एह पर्व से भक्तन के आत्मशुद्धि, ध्यान आ शिव भक्ति में लिप्त होखे के स्वर्णिम अवसर मिलेला। एह साल महाशिवरात्रि कब मनावल जाई आ भगवान शिव के पूजा के शुभ समय का होई ई जाने खातिर पंचांग के हिसाब से तिथि आ समय के ध्यान में राखल जरूरी बा। तs आई जानीं जा कि अबकी बेर महाशिवरात्रि कब बा आ पूजा के शुभ समय का होई।
महाशिवरात्रि कब मनावल जाई?
हर साल महाशिवरात्रि के परब माघ महीना के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि के मनावल जाला। साल 2025 में ई पावन परब 26 फरवरी के पड़े वाला बा। पंचांग के मुताबिक चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी 2025 के सबेरे 11:08 बजे से शुरू होई अवुरी 27 फरवरी के सबेरे 8:54 बजे समाप्त होई। एह खास दिन भगवान शिव के पूजा, रुद्राभिषेक आ व्रत के खास महत्व होला। महाशिवरात्रि के दिन रात के चार चरण में पूजा के आयोजन होला, जवना में हर चरण में एगो विशेष पूजा विधि होला।
महाशिवरात्रि 2025 निशिता काल पूजा मुहूर्त
महाशिवरात्रि पs निशिता काल पूजा के खास महत्व बा। साल 2025 में ई पूजा 27 फरवरी के सबेरे 12:27 बजे से 1:16 बजे ले कइल जाई।
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा मुहूर्त
महाशिवरात्रि के दिन रात के पहिला घंटा के पूजा के समय साँझ 6:43 बजे से 9:47 बजे ले होई।
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा मुहूर्त
महाशिवरात्रि के दूसरा रात के पूजा रात 9:47 बजे से 12:51 बजे तक (27 फरवरी 2025) होई। रात्रि तृतीया प्रहर पूजा 27 फरवरी 2025 के सबेरे 12:51 बजे से सबेरे 3:55 बजे ले होई। महाशिवरात्रि के रात्रि चतुर्थ प्रहार के पूजा 27 फरवरी 2025 के सबेरे 3:55 से 6:59 बजे तक होई। पारण के समय 27 फरवरी 2025 के सबेरे 6:59 से 8:54 बजे ले होई।
एह दिन हरिद्वार, वाराणसी, उज्जैन जइसन प्रसिद्ध तीर्थस्थल पs लाखों लोग जुट के गंगा में नहा के भगवान शिव के दर्शन करेला। ई परब ना खाली आध्यात्मिक चेतना के संप्रेषण करेला बलुक समाज में एकता आ सौहार्द के संदेश भी देला।
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महाशिवरात्रि के दिन भक्त लोग ब्रह्म मुहूर्त में नहा के साफ कपड़ा पहिन के व्रत के प्रण लेव। एह दिन भगवान शिव आ माई पार्वती के पूजा सबेरे आ साँझ दुनु समय होखे के चाहीं. पूजा के समय भगवान शिव आ माता पार्वती के कपड़ा चढ़ावल शुभ मानल जाला।
इs दिन शादीशुदा महिला खाती खास बा, एहीसे उनुका संपूर्ण श्रृंगार सामग्री देवी पार्वती के चढ़ावे के चाही। महाशिवरात्रि के अवसर पर भोलेनाथ के बेलपत्र, भांग आ धतूरा के चढ़ावल बहुत शुभ मानल जाला। एकरा संगे पूरा शिव परिवार – भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय, भगवान शिव, माता पार्वती अवुरी नंदी महाराज के पूजा कs के ओ लोग के वस्त्र चढ़ावे से खास नतीजा मिलेला।
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