कोरोना के तरे मंकीपॉक्स रिकवरी के बाद लोगन के सिरदर्द, थकान आ मांसपेशियन में दरद के एहसास करा रहल बा। देश में अब तक मंकीपॉक्स के 14 गो ममिला सोझा आइल बा जेमे एक के मौत आ 10 मरीजन के छुट्टी दिहल जा चुकल बा। 6 रोगियन के दु महीना के बादो उपचार लेवे के पड़त बा। 14 में से 9 मरीज दिल्ली में आ 5 केरल में मिलल बा।
नई दिल्ली स्थित लोकनायक अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार के कहनाम बा कि अमेरिका आ यूरोप के तुलना में मंकीपॉक्स के ममिला भारत में अलग बा। हालांकि, कुछ ममिलन में ई बेमारी तंत्रिका संबंधी आ मानसिक समस्या के कारणे हो सकत बा। लोकनायक अस्पताल दिल्ली में मंकीपॉक्स के नोडल केंद्रों बा। इहां भर्ती नौ में से छव के रिकवर घोषित कइल जा चुकल बा।
डॉ. सुरेश के कहनाम बा कि उनका इहां 4 मरीजन के पहिले जइसन अनुभव नइखे होत। ओहिजा, केरलो में एह तरे के स्तिथी देखे के मिल रहल बा। हाले में ई क्लिनिकल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में एकर पुष्टि भइल बा। अध्ययन के मोताबिक, मंकीपॉक्स संक्रमित रोगियन में से कुछ में तंत्रिका संबंधी समस्या विकसित हो गइल, जेमे एन्सेफलाइटिस माने मस्तिष्क के सूजन शामिल बा। भारत में अभी तक एकर खाली एगो ममिला सामने आइल बा। जेकर बीतल जुलाई महीना में केरल में मौत भइल रहे।
एक चौथाई लोग बतावल सिरदर्द
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एगो अध्ययन में मंकीपॉक्स प्रभावित 16 देशन के 500 से बेसी लोगन के शामिल कइल गइल बा। एमे मस्तिष्क के सूजन के लेके कवनो ममिला सोझा ना आइल बाकिर पीड़ित 10 में से एक चौथाई लोगन में सिरदर्द के लक्षण पावल गइल बा।
भारत में दूसरा देशन से अलग बा स्थिति
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) आ पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) हाले में मृतक के सैंपल के लेके अध्ययन सार्वजनिक कइले रहे। आईसीएमआर के एगो वरिष्ठ वैज्ञानिक कहले, जदि रउआ पोस्ट संक्रमण के बात करीं त भारत के स्थिति दूसर देशन से अलग बा। इहां वायरस के ए.2 नाव के क्लैड बा जवन कांगो वैरिएंट के तुलना में खतरनाक नइखे।
साभार: अमर उजाला।