Lakshya Sen: सुप्रीम कोर्ट से बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन के राहत, फर्जी जन्म प्रमाणपत्र ममिला में FIR रद्द

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स्पोर्ट्स डेस्क। सुप्रीम कोर्ट जन्म प्रमाण में जालसाजी ममिला में भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन के बड़ राहत देले बा। सुप्रीम कोर्ट लक्ष्य के खिलाफ एफआईआर रद्द कs देले बा। सर्वोच्च न्यायालय कहले बा कि लक्ष्य सेन के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही जारी रखल अनुचित बा आ ई अदालती प्रक्रिया के दुरुपयोग बा।

जानीं का बा पूरा ममिला

अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित आ बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलन के स्वर्ण पदक विजेता शटलर लक्ष्य सेन पs साल 2022 में उमिर के गलत विवरण देवे के आरोप लागल रहे। बेंगलुरु पुलिस नागराजा एमजी नाम के शख्स के शिकायत के बाद लक्ष्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कइले रहे। लक्ष्य सेन पs जूनियर स्तर पs प्रतिस्पर्धा करत आयु-प्रतिबंधित टूर्नामेंटन में प्रवेश पावे खातिर अपना उमिर में हेरफेर करे के आरोप लागल रहे। एकरा बाद एगो स्थानीय अदालत पुलिस के लक्ष्य के खिलाफ आरोपन के जांच करे के निरदेस देले रहे।

लक्ष्य बेंगलुरु में प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन एकेडमी में प्रशिक्षण लेवेले। एफआईआर में नामित लोगन में लक्ष्य, उनकर कोच विमल कुमार, उनकर पिता धीरेंद्र सेन, उनकर भाई चिराग आ मां निर्मला सेन के नाम सामिल रहे। लक्ष्य आ बाकी लोगन पs धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) आ 471 (जाली रिकॉर्ड के वास्तविक के रूप में उपयोग कइल) सहित अलग-अलग आईपीसी धारा के तहत ममिला दर्ज कइल गइल रहे।

शिकायतकर्ता के का कहनाम रहे

शिकायतकर्ता के कहनाम रहे कि कर्नाटक बैडमिंट एसोसिएशन आ कोच विमल कुमार के सहजोग से लक्ष्य आयु वर्ग से नीचे के प्रतियोगियन के खिलाफ खेलल सुरू कइलें। संगही उमिर के लाभ के रूप में इस्तेमाल करत लक्ष्य कइयन गो टूर्नामेंट जीतलें आ सरकार से कइयन गो लाभ प्राप्त कइलें। एकरा से आउर प्रतिभाशाली बच्चन के नुकसान भइल। शिकायतकर्ता के कहनाम बा कि लक्ष्य के जन्म 1998 में भइल, जबकि रिकॉर्ड बतावत बा कि लक्ष्य के जन्म 2001 में भइल रहे। हालांकि, कोच विमल कुमार प्राथमिकी में लगावल गइल आरोप के खंडन कइले रहे। उ कहलें- लक्ष्य हमरा एकेडमी में अइलें आ हम उनका के 2010 से कवनो आउर लईकन बच्चे के तरे प्रशिक्षित कइनी। हम सुनले रहनी कि एगो परिवार एकेडमी आ हमार छवि खराब करे के कोसिस में लागल रहे, बाकिर एकरा से हमरा कबो कवनो परेसानी ना भइल।

सुप्रीम कोर्ट लक्ष्य के देलस बड़ राहत

याचिकाकर्ता 2022 में कर्नाटक हाई कोर्ट के रुख कइले रहे। ममिला पs सुनवाई करत कर्नाटक हाईकोर्ट लक्ष्य, उनका परिवार आ कोच विमल कुमार के ओर से दाखिल याचिका के खारिज करत फर्जी जन्म प्रमाणपत्र ममिला के जांच आदेस देले रहस। हाईकोर्ट से याचिका खारिज होखला के बाद लक्ष्य आ उनकर परिवार तत्काल सुप्रीम कोर्ट के दरवाजा खटखटवले रहस। एकरा बाद ममिला पs सुनवाई करत एही साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट लक्ष्य आ बाकी लोगन के बड़ राहत देले रहस। शीर्ष अदालत लक्ष्य आ बाकी लोगन के खिलाफ कवनो कार्रवाई पs रोक लगा देले रहे। अब सर्वोच्च न्यायालय एफआईआर के रद्द कs देले रहस।

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