नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मंगर के हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के हटावे के नोटिस के स्वीकार कs लेलें। उ जज के खिलाफ आरोपन के जांच खातिर तीन सदस्यीय समिति गठित कइलें। लोकसभा में ई एलान करत ओम बिरला कहलें कि न्यायमूर्ति वर्मा के हटावे के प्रक्रिया सुरू होखे के चाहीं, काहेकि उनका खिलाफ लागल आरोप गंभीर प्रकृति के बा। लोकसभा स्पीकर तीन सदस्यीय समिति गठित कइलें, जेमे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार, मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव आ कर्नाटक उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता बीवी आचार्य सामिल बाड़ें। बिरला कहलें, ‘समिति जल्दी से जल्दी आपन रिपोर्ट प्रस्तुत करी। न्यायमूर्ति वर्मा के हटावे के प्रस्ताव जांच समिति के रिपोर्ट प्राप्त होखे तक लंबित रही।’
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के हटावे के सिफारिश कइल गइल रहे
एकरा पहिले सर्वोच्च न्यायालय 7 अगस्त, 2025 के कहले रहस कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के हटावे के सिफारिश करे वाली आंतरिक जांच प्रक्रिया के कानूनी मान्यता प्राप्त बा। जस्टिस वर्मा के आवासीय परिसर में आग लगला के बाद जरल नोट मिलल रहे। ओह समय उ दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहस।
सुप्रीम कोर्ट से मिलल रहे करारा झटका
एह बीच सर्वोच्च न्यायालय न्यायमूर्ति वर्मा के ओर से आंतरिक जांच पैनल के रिपोर्ट के चुनौती देवे वाली याचिका के खारिज कs देले रहे। शीर्ष अदालत जस्टिस वर्मा के ओह मांग के खारिज कs देले रहे, जेमे भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना के ओर से उनका खिलाफ महाभियोग के कार्यवाही सुरू करे के सिफारिश के रद्द करे के अपील कइल गइल रहे।
का हs मामला?
ई ममिला 14 मार्च के उनका दिल्ली इस्थित आवास पs आग लगला के दौरान दमकल के गाड़ियन के ओर से कथित तौर पs नकदी पावल गइला के बाद सामने आइल रहे, जब उ दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे। न्यायाधीश अपना घर पs मवजूद ना रहस। 28 जुलाई के एगो सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से उनका याचिका पs सुनवाई करत कइयन गो सवाल पूछले रहस।