ब्रह्म मुहूर्त के महत्व आ संस्कृत एगो वैज्ञानिक भाषा, जानि एह सब मान्यता के पीछे के विज्ञान
घर में आपन बुजुर्ग लोग से भी सुनले होखब कि ब्रह्म मुहूर्त सबसे बढ़िया बा, चाहे रउवा उठ के योग करे के चाहत बानी, ध्यान करे के चाहत बानी, चाहे पढ़ाई करे के चाहत बानी। अइसन स्थिति में जहाँ आजुओ बहुत लोग एकरा पs ज्यादा ध्यान ना देवेला, जबकि एकरा पीछे के विज्ञान बहुत जरूरी बा।
एह संबंध में विशेषज्ञ लोग के मानना बा कि ब्रह्ममुहूर्त के समय पर्यावरण सबसे शुद्ध होला आ हवा में ऑक्सीजन के स्तर सबसे अधिका (41%) होला। एही कारण से भले ओह घरी टहले जाईं त फेफड़ा में शुद्ध हवा मिल जाई आ रउरा स्वस्थ रहब।
संस्कृत : एगो वैज्ञानिक भाषा...
संस्कृत के कई जगहा सबसे वैज्ञानिक भाषा मानल गइल बा। जर्मनी में भी संस्कृत के महत्व के एहसास करत 14 से अधिका विश्वविद्यालय में संस्कृत के पढ़ाई होला। जब संस्कृत में मंत्रोच्चार होला त ओह अक्षरन के वायब्रेशन से चक्रन के जागृत के संबंध में भी मान्यता बा, जवन ऊर्जा पैदा करेला। खुद नासा के शोधकर्ता लोग के अनुसार – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जइसन विषम क्षेत्र खातिर संस्कृत सबसे खास भाषा ह।
योग का होला?
योग के इतिहास दस हजार साल से अधिका पुरान मानल जाला। इहाँ समझीं कि योग के मतलब होला व्यक्तिगत चेतना भा आध्यात्मिक चेतना आ जागरूकता।
विशेषज्ञ के मुताबिक इ सिर्फ शारीरिक व्यायाम ना ह, बालुक मानसिक अवुरी आध्यात्मिक क्षमता के विस्तार करे के विज्ञान भी ह, एकरा में ध्यान, मुद्रा अवुरी मंत्र भी शामिल बा। कुल मिलाके योग एगो पूरा जीवनशैली ह।
ज्ञान मुद्रा बहुत जरूरी बा
विशेषज्ञ के मुताबिक ज्ञान मुद्रा के सबसे महत्वपूर्ण मुद्रा मानल जाला, जवना के अभ्यास हजारों साल से ध्यान के दौरान होखता, काहेंकी एकरा से मन के आध्यात्मिक विकास अवुरी शांति बढ़ेला। एकरा संगे इ चक्र के भी जागृत करेला।
कई गो बेमारी में कारगर होला
योग विशेषज्ञ बतावेले कि ज्ञान मुद्रा में अंगूठा अवुरी तर्जनी के स्पर्श से वात-पित अवुरी कफ संतुलित रहेला। मूल रूप से इ मुद्रा हवा तत्व के बढ़ावा देवेला, जवन कि दिमाग, तंत्रिका तंत्र अवुरी पिट्यूटरी ग्रंथि के बेहतर काम करे खातीर उत्तेजित करेला। एकरा से एकाग्रता बढ़ेला अवुरी अनिद्रा के समस्या भी दूर हो जाला।
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