गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रो० कमलेश के फेर निलंबित कइलस, साढ़े आठ महीना बाद तीन दिन पहिले हाईकोर्ट के आदेेस पs रद्द भइल रहे निलंबन
गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से एगो बड़ खबर आ रहल बा। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा हिंदी विभाग के आचार्य कमलेश गुप्त के एक बेर फेर निलंबित कs दिहल गइल बा। बता दीं कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेस के बाद निलंबित आचार्य कमलेश गुप्त के निलंबन मात्र तीन दिन पहिले रद्द कइल गइल रहे।
प्रो० कमलेश के नया आरोपन के बाद लिहल गइल फैसला
विश्वविद्यालय द्वारा ई निलंबन आचार्य कमलेश गुप्त के द्वारा लगावल गइल नया आरोपन के आलोक में कइल गइल बा। ई निलंबन अनुशासन समिति के अनुशंसा आ कार्य समिति के के संस्तुति पs कइल गइल बा। एकरा पहिले 8 अक्तूबर के प्रो० कमलेश गुप्त के अलग-अलग आरोपन में निलंबित कइल गइल रहे। लमहर इंतेजार के बाद हाईकोर्ट गइल प्रो० गुप्त के पिछला 10 मई के निलंबन से राहत मिलल रहे। जवना के बाद कार्य समिति के बैठक में तीन दिन पहिले निलंबन के रद्द कइल गइल रहे।
उल्लेख करे जोग बा कि प्रो० कमलेश गुप्त साल 2021 में कुलपति पs गंभीर आरोप लगावत कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल से शिकायत कइले रहस। ऊ कुलपति पs वित्तीय अनिमियतता के आरोप लगावत उनका कार्यकाल में भइल आय-व्यय के जांच कइल जाये आ उनका के पद से हटावे के मांग कइले रहस। तब राजभवन सचिवालय कुलपति प्रो० राजेश सिंह के शिकायत के जांच खुद कुलपति के सउप देले रहे। जवना के बाद प्रो० कमलेश सत्याग्रह सुरू कs देले रहस। कुलपति के खिलाफ मोर्चा खोले वाला प्रो० गुप्त के ई कुल मिलाके तीसरा निलंबन हs।
दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि आ विशिष्ट अतिथि के ना अइला से पहिलही विवादन में घिरल विश्वविद्यालय प्रशासन एह निलंबन के बाद एगो आउर नया विवाद के जनम देत दिखाई दे रहल बा।
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