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गोरखपुर रेलवे स्टेशन देश के ‘टॉप 28’ में, 365 दिन में 1 करोड़ से अधिका यात्री पहुंचले

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पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर रेलवे स्टेशन के देश भर के 28 एनएसजी-1 (गैर उपनगरीय श्रेणी) स्टेशनन में से चुनल गइल बा। एकरा अलावे लखनऊ जंक्शन, बनारस, छपरा आ मऊ स्टेशन के एनएसजी-2 श्रेणी में चुनल गइल बा।

एनएसजी-3 श्रेणी में 15, एनएसजी-4 में 24, एनएसजी-5 में 78 आ एनएसजी-6 श्रेणी में 187 स्टेशन बा। जबकि हाल्ट स्टेशन में 4 स्टेशन के एचजी-1 श्रेणी में, 87 स्टेशन के एचजी-2 में अवुरी 100 के एचजी-3 श्रेणी में राखल गइल बा। स्टेशनन पs सुविधा खाली वर्गीकरण के आधार पs उपलब्ध बा।

सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह कहले कि सरकार बेहतर इंस्टालेशन आ मेंटेनेंस खातिर रेलवे स्टेशन पs सुविधा के ग्रेडिंग शुरू कऽ देले बिया। स्टेशन पs रोज आवे जाए वाला यात्रियन के संख्या, स्टेशन परिसर के सफाई, प्लेटफार्म पs उपलब्ध सुविधा आदि के आकलन करके एनएसजी-1 श्रेणी में स्टेशन के चयन कइल जाला।

अगिला पांच साल खातिर स्टेशनन के वर्गीकरण जारी कर दिहल गइल बा। एमें गोरखपुर स्टेशन के एनएसजी-1 श्रेणी में वर्गीकृत कुल 28 स्टेशनन में शामिल कइल गइल बा।

उ बतवले कि साल 2023-24 में गोरखपुर जंक्शन से यात्रा शुरू करेवाला आरक्षित श्रेणी के यात्री के संख्या 53,75,937 अवुरी अनआरक्षित श्रेणी के यात्री के संख्या 76,48,820 बा। एह तरह से कुल यात्रियन के संख्या 1,30,24,757 बा। एह दौरान शुरुआती यात्री यातायात से 591.94 करोड़ रुपया के आमदनी भइल। गोरखपुर से बढ़ल ट्रेन के संख्या आ बिहार आ नेपाल से सीधा ट्रेन से जुड़ल सुविधा के चलते यात्री यातायात आ ओकरा से रेलवे के राजस्व लगातार बढ़ रहल बा।

पिछला साल प्रधानमंत्री नयका भवन के शिलान्यास कइले रहले

गोरखपुर जंक्शन के एगो नया भवन बनावल जा रहल बा, जवना पs लगभग 500 करोड़ रुपया खर्च करे के बा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पछिला साल 7 जुलाई के एकर शिलान्यास कइले रहले। अगिला 50 साल के जरूरत के ध्यान में राखत नयका स्टेशन भवन के निर्माण कइल जाता। एकरा के सिटी सेंटर के रूप में विकसित कइल जाई। अगर एनएसजी-1 श्रेणी में चुनल गइल तऽ इहाँ यात्री सुविधा के अवुरी विकास संभव होई।

सीपीआरओ पूर्वोत्तर रेलवे पंकज कुमार सिंह कहले कि…

गोरखपुर खातिर ई एगो खास उपलब्धि बा। इहाँ से ट्रेन के जादा संख्या अवुरी बिहार-नेपाल समेत अवुरी जगह से जुड़ाव के चलते इ उपलब्धि हासिल भइल बा। एह श्रेणी में आवे के मतलब बा कि स्टेशन के विकास में अधिका पइसा खरच कइल जा सकेला।  आवे वाला समय में ई स्टेशन अपना नया रूप में देखल जाई।

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