गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के तरफ से आयोजित गोरखपुर पुस्तक महोत्सव 2025 अब आपन आखिरी पड़ाव पs पहुंच गइल बा। नौ दिन के एह बेजोड़ आयोजन के आज अतवार के समापन हो जाई। सनिचर के दिन बाल मंडप, बुक स्टॉल आ सांस्कृतिक संध्या में पाठकन, विद्यार्थी आ पुस्तक प्रेमियन के बड़ भीड़ लागल रहे। पूरा विश्वविद्यालय परिसर साहित्य आ संगीत के रंग में रंगाइल नजर आइल।
बाल मंडप में बाल सृजन आ उत्साह के माहौल
महोत्सव के आठवां दिन बाल मंडप में चालीस विद्यालयन से 3000 से जादे बच्चा हिस्सा लिहल लोग।पहिलका सत्र में शिखा गर्ग एगो संगीतमय कहानी सुनवली, जवना में एगो तोता के कहानी रहे जवन भविष्यवाणी कs सकत रहे। लईकन के सिखावल गइल कि “खाली बोलल जरूरी ना हs, सही समय पs बोलल जादे जरूरी बा।”
दूसरका सत्र में रंजीता सचदेवा आ राहुल सेन के निर्देशन में “रंगमंच कार्यशाला (Theatre Workshop)” भइल। लईका लोग जंगल, रेलवे स्टेशन आ पुस्तक मेला जइसन जगह के कल्पना कs के अभिनय के माध्यम से जीवंत बनावल लोग।
तीसरका सत्र में भास्कर इंद्रकांति के “सार्वजनिक वाक कौशल (Public Speaking Skills)” पs कार्यशाला भइल, जवना में लईकन के आत्मविश्वास से बोलल आ आपन विचार साफ-साफ कहे के तरीका सिखावल गइल।
आखिरी सत्र में सतीश यादव लईकन के राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय (Rashtriya e-Pustakalaya) से परिचित करववलें। आरईपी के शुभंकर ‘चीता’ (Cheetah) लईकन के सबसे जादे आकर्षित कइलस।
सांस्कृतिक संध्या में गूंजल वीर रस आ संगीत के संगम
सांझ के सांस्कृतिक संध्या में साहित्य, देशभक्ति आ संगीत के अद्भुत मेल देखे के मिलल। लखनऊ से आइल कवि-गीतकार डॉ. कृष्ण कुमार सिंह आपन “वीरगाथा डायरी” के कवितन से सब केहू के जोश से भर देलें। ऊ पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप, मंगल पांडे, भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई, वीर कुंवर सिंह जइसन महापुरुषन के वीरता के गद्य आ पद्य में प्रस्तुत कइलें।
काकोरी कांड के 100 बरिस पूरा होखला पs ऊ राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, ठाकुर रोशन सिंह आ राजेंद्र लाहिड़ी पs नज्म पढ़लें। अंत में ऊ अपन गीत ‘नदी के भागीरथी धारा से सिंचित जिसकी धड़कन हो’ सुनवलें, जवन भारतीय सभ्यता के महिमा बखान करत रहे।
एकरा बाद मंच पs पहुंचलें प्रसिद्ध गायक कुमार सत्यम। ऊ सूफी, भजन, गजल आ सेमी-क्लासिकल संगीत में माहिर बाड़ें। कुमार सत्यम संगीत के 13वीं पीढ़ी से जुड़ल बाड़ें आ पं. लालन जी महाराज आ पं. रामाशीष महाराज के परिवार से संबंध रखेलें।
ऊ अभी ले 2000 से जादे मंचन पs प्रस्तुति दे चुकल बाड़ें आ पंकज उधास, अनुप जलोटा, वडाली बंधु जइसन कलाकारन के संगे मंच साझा कs चुकल बाड़ें। उनका हारमोनियम के तान आ मधुर आवाज से पूरा सभागार गूंज उठल।
समापन से पहिले चरम पs बा उत्साह
1 नवंबर से चल रहल गोरखपुर पुस्तक महोत्सव 2025 अब आपन समापन समारोह (9 नवंबर) के तइयारी में बा। देस भर से 100 से जादे प्रकाशक आ 200 से ऊपर बुक स्टॉल लागल बा, जवना पs लाखन किताब मिल रहल बा। पुस्तक प्रेमियन के भीड़ आ उत्साह देख के साफ बुझात बा कि गोरखपुर अब खाली शिक्षा के ना, बलुक साहित्य आ संस्कृति के राजधानी बन गइल बा।
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