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Gorakhpur News:पूर्वांचल के पहिला मेडिकल कॉलेज बनल BRD,नि:संतान दंपत्तियन खातिर शुरू भइल इ सुविधा

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संतान सुख से वंचित दंपतियन ले अब बीआरडी मेडिकल कॉलेज में निशुल्क आईयूआई (इंट्रा यूटराइन इनसेमिनेशन) के सुविधा मिली। मेडिकल कॉलेज के स्त्री आ प्रसूति विभाग में शनिचर के एकरा खातिर विशेष केंद्र के शुभारंभ कइल गइल बा। एही के साथे पूर्वांचल में इ सुविधा वाला बीआरडी पहिला सरकारी अस्पताल हो गइल बा। निजी सेंटरन में एह इलाज पऽ 50 से 60 हजार रूपिया तक खर्च होला।

केंद्र के उद्घाटन प्रधानाध्यापक डॉ. रामकुमार जयसवाल आ बांझपन विशेषज्ञ डॉ. सोम सिंह कइले। डॉ. सोम सिंह कहले कि देश में 20 से 25 प्रतिशत जोड़ा बच्चा के सुख से वंचित बाड़े। एह जोड़ा में से करीब 40 प्रतिशत में बच्चा ना होखे के कारण पुरुष के चलते होखेला। अइसना में आईयूआई के तरीका सबसे कारगर होला।

एमें में अइसन पुरुष के चयन कइल जाला, जवना के शुक्राणु के गिनती कम होखेला। कुछ दवाई से शुक्राणु के गिनती में सुधार कइल जा सकऽता। आईयूआई में आदमी के शुक्राणु वाश कऽ के मजबूत शुक्राणु निकालल जाला। ई शुक्राणु गर्भाशय में प्रत्यारोपित होला। इ गर्भधारण के सुरक्षित तरीका हऽ।

खास बात ई बा कि एकर सफलता दर 20 प्रतिशत तक बा। इ एगो किफायती तकनीक हऽ। एकर कोशिश तीन से चार बेर कइल जा सकेला। सफलता के दर ओ जोड़ा में जादा होखेला, जवना के बियाह में अधिकतम 6 साल हो गईल होखे आ महिला के उमर 35 साल से कम होखे।

 प्रधानाध्यापक डॉ. रामकुमार कहले कि व्यस्त जीवन आ देर से बियाह होखे के चलते बांझपन के मामला बढ़ता। एह तरह के जोड़ा के पूरा इलाज करावे खातिर मेडिकल कॉलेज में ई केन्द्र शुरू कइल गइल बा। भविष्य में एकर अउरी विस्तार करे के बा।

एह दौरान स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग के प्रमुख डॉ. रुमा सरकार, डॉ. शिखा मुखिया, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रीना श्रीवास्तव, डॉ. राधा जीना, डॉ. नीला राय शर्मा, डॉ. वाणी आदित्य, डॉ. रीता सिंह, डॉ. सुधीर गुप्ता, डॉ. खुतैजा बानो आदि मौजूद रहले।

पहिला दिन 25 जोड़ा के आईयूआई कइल गइल

 उद्घाटन सत्र के बाद पहिला दिन प्रयोगात्मक सत्र के आयोजन कइल गइल। भाग लेवे वाला जूनियर डॉक्टर के वीर्य विश्लेषण, शुक्राणु तैयारी, अल्ट्रासाउंड आदि के बारे में जानकारी दिहल गइल। स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग के प्रमुख डॉ. रुमा सरकार बतवली कि पहिला दिन 25 जोड़ा के सफल आईयूआई भइल। मेडिकल कॉलेज में इ सुविधा पूरा तरीका से मुफ्त बा, जबकि निजी अस्पताल में एकर लागत काफी महंगा बा।

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