गूगल क्रोम: गूगल दिहलस एंड्रॉयड यूजर्स के तोहफा, अब बिना पासवर्ड कइल जा सकी लॉगिन, जानीं का ह फीचर
गूगल अपने क्रोम यूजर्स खातिर नया अपडेट पास-की (passkey) फीचर लेके आइल बा, जेकरे मदद से बिना पासवर्ड डरलही कौनहू वेबसाइट पर लॉनिग कइल जा सकी। पास-की फीचर के मदद से यूजर्स गूगल क्रोम अउर एंड्रॉयड डिवाइस में पिन के अलावा बायोमेट्रिक यानी फिंगरप्रिंट चाहे फेस आईडी से लॉगिन कs सकल जाई। एकर इस्तेमाल कौनहू वेबसाइट अउर एप में कइल जा सकी। उदाहरण के तौर पर समझीं त आप फेसबुकओ में फेस आईडी चाहे फिंगरप्रिंट से लॉगिन कs सकब।
कॉमन पासवर्डलेस साइन-इन
बता देईं कि एही साल मई में माइक्रोसॉफ्ट, एपल अउर गूगल कॉमन पासवर्डलेस साइन-इन के घोषणा कइले रहे। तीनों कंपनियन के सहयोग से “Passkeys” के वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम (W3C) अउर FIDO Alliance तैयार कइल गइल बा। एह फीचर्स के अक्तूबर में टेस्टिंग खातिर उपलब्ध करावल गइल रहे, लेकिन अब एह फीचर के जारी कs दिहल गइल रहे।
दरअसल, एंड्रॉयड क्रोम पर पास कीज के गूगल पासवर्ड मैनेजर में स्टोर कइल जाला। ई पास-की के यूजर्स के एंड्रॉयड डिवाइस पs सिंक करत रहला, जेपर सेम गूगल अकाउंट के लॉगिन कइल गइल बा। नयका पास-की फीचर क्रोम डेस्कटॉप के संगे मोबाइलो पर काम करsला। हालांकि, एकरे खातिर राउर पीसी विंडोज 11 अउर मेकओएस पs अपडेट होखे के चाहीं।
का ह ‘पास-की’?
पास-की एगो यूनिक डिजिटल आइडेंटिटी ह जौन आपके डिवाइस पs स्टोर रह सकsता। ई रउआ डिवाइस में यूएसबी सिक्योरिटी के तरह रह सकsता अउर एकरे मदद से आसानी से लॉगिन चाहे एक्सेस कइल जा सकsता। पास-की फीचर पासवर्ड से ढ़ेर सुरक्षित अउर उपयोग में आसान बा। एके पासवर्ड के जगह इस्तेमाल करे खातिर डिजाइन कइल गइल बा। ई बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन खातिर टच आईडी चाहे फेस आईडी के उपयोग करsला।
एह फीचर के मदद से यूजर्स अन्य डिवाइसो में वेबसाइट चाहे एप के सुरक्षित रूप से साइन-इन कs सकल जाला। यानी कि रउआ के दूसर डिवाइस में लॉगिन करे खातिर अपने ओरिजनल पासवर्ड के डाले के जरूरत नाइ होला, बलुक रउआ पास-की के इस्तेमाल कs सकतनीं।
आईफोन में पहिलही से बा ‘पास-की’ सुविधा
पासवर्ड के ई नया तरीका गूगल पासवर्ड मैनेजर के संगे सिंक होला त रउआ नयका फोन में पासवर्ड के ले के परेशान होखले के जरूरत नइखे। ई पासवर्ड पुरान से नयका फोन में आसानी से ट्रांसफर हो सकी। एकरे अलावा गूगल कहलस कि ई पासवर्ड पूरा तरह से एंड टू एंड एंक्रिप्टेड बा। बता देईं कि आईओएस में ई सुविधा पहिलही से बा।
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