किसानन खातिर एगो खुशखबरी! फसल बीमा योजना के दायरा बढ़ी, बिहार समेत ई राज्य ए योजना में शामिल होखे खातीर तैयार बाड़े
बिहार आ नागालैंड समेत कुछ राज्य प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल होखे खातिर केंद्रीय कृषि मंत्रालय से बातचीत शुरू कs देले बाड़े।
कुछ अउरी राज्यन के भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल कइल जा सकेला। बिहार आ नागालैंड समेत बहुत राज्य ए योजना में शामिल होखे खातीर केंद्रीय कृषि मंत्रालय से बातचीत शुरू कs देले बाड़े। जदी अइसन भइल तs एह सब्सिडी वाला फसल बीमा योजना के कवरेज अउरी बढ़ जाई। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के रिपोर्ट के मुताबिक ए मामला के जानकारी राखेवाला सूत्र के कहनाम बा कि, झारखंड आ तेलंगाना से पहिले ए योजना में शामिल होखे के फैसला कइले रहे। जबकि बिहार, जवन कि पहिले ‘प्रीमियम सब्सिडी के लागत’ के हवाला देत ए योजना से बाहर हो गईल रहे। बाकी, अब बिहार भी एकरा में फेर से शामिल होखे के रुचि देखवले बा।
वित्तीय वर्ष 24 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत रजिस्ट्रेशन 4 करोड़ के रिकॉर्ड पार कइले रहे आ चालू वित्तीय साल में एकरा में अउरी बढ़ोतरी होखे के उम्मेद बा। एकरा से पहिले पंजाब सिर्फ कपास खातीर फसल बीमा लागू करे पs सहमत भइल रहे।
योजना के तहत किसान के पंजीकरण में तेजी से बढ़ोतरी भइल
एगो अधिकारी कहले कि, “चालू वित्तीय वर्ष में किसान के नामांकन में तेजी से बढ़ोतरी होई, काहेंकी राज्य ए योजना में फेर से शामिल होई आ जादे किसान के एहसास होई कि एकरा से फसल के नुकसान चाहे मौसम के अप्रत्याशित घटना से होखेवाला नुकसान से कतना सुरक्षा मिलेला ।”
अधिकारी बतवले कि फसल बीमा योजना धीरे-धीरे लोन आधारित योजना के बजाय सदस्यता आधारित मॉडल के ओर बढ़ रहल बा। एगो अधिकारी कहले कि, ‘फसल बीमा के तहत नामांकित किसान में से 42% से जादे किसान ऊ लोग बाड़े, जवन कि बैंक से लोन ना लेले रहले।’
डेढ़ लाख करोड़ से अधिक के दावे के भुगतान
2016 में पीएमएफबीवाई शुरू भइला के बाद से किसान 32,440 करोड़ रुपया प्रीमियम के रूप में देले बाड़े, जबकि 1.63 लाख करोड़ रुपया किसान के दावा के रूप में दिहल गइल बा।
पीएमएफबीवाई जवन 2016 में शुरू भइल रहे, वर्तमान में 22 राज्य आ केंद्र शासित प्रदेश में लागू बा। किसान रबी फसल खातिर बीमा राशि के मात्र 1.5% अउरी खरीफ फसल खातीर 2% के फिक्स प्रीमियम देवेले, जबकि नकद फसल खातीर ई 5% बा।
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