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MBBS डिग्रीधारकन के भविष्य संकट में, यूपी के इ 3 मेडिकल कॉलेजन के पास मान्यता नाहीं, कइसे करी डॉक्टरी

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एमबीबीएस : यूपी के तीनों मेडिकल कॉलेज में कुल 300 एमबीबीएस सीट बा। मान्यता ना मिलला के चलते 2022 में इहाँ से पासआउट एमबीबीएस डॉक्टर के एसएमएफ में रजिस्ट्रेशन नईखे होखत।

यूपी के तीन मेडिकल कॉलेज से साल 2022 में एमबीबीएस करे वाला छात्र के भविष्य खतरा में बा। एह तीनों मेडिकल कॉलेजन के मान्यता नइखे। छात्र सरकारी स्टूडेंट्स ने गवर्नमेंट एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज बांदा, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल आजमगढ़ आ गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सहारनपुर से एमबीबीएस के डिग्री लेले बाड़े। एह तीनों सरकारी मेडिकल कॉलेज में कुल 300 एमबीबीएस सीट बा। एह मेडिकल कॉलेजन के मान्यता ना मिलला का चलते 2022 में एहिजा से पासआउट एमबीबीएस डाक्टरन के राज्य चिकित्सा संकाय (एसएमएफ) में पंजीकृत नइखे होखत। मेडिकल स्नातक लोग खातिर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के एगो निकाय राज्य चिकित्सा संकाय में रजिस्ट्रेशन करावल अनिवार्य बा। अबहीं ले एह स्नातकन के रजिस्ट्रेशन खाली प्रोविजनल बा।

मेडिकल एजुकेशन के महानिदेशक किंजल सिंह कहले कि, मामला के जांच कईल जाता। हम एनएमसी के प्रतिनिधित्व दे रहल बानी। मान्यता के राह में आवे वाला दिक्कतन के भी एगो समिति देखी। एकरा से जुड़ल मुद्दा के हमनी के जल्दी से जल्दी समाधान क देब।

यूपी डीजीएमई के एनएमसी से कॉलेज के लंबित मान्यता के लेके चिट्ठी मिलल बा। डीजीएमई कार्यालय के मिलल चिट्ठी में जालौन सरकारी मेडिकल कॉलेज के नाम भी बतावल गईल बा।

पिछला एक साल से 2017 के बैच (2022 में एमबीबीएस पास होई) के ए कठिन स्थिति के सामना करे के पड़ता, लेकिन 2023 में एमबीबीएस के परीक्षा में हाजिर होखे वाला अवुरी 2023 में डिग्री लेवे वाला 2018 के बैच भी अपना किस्मत के बारे में सोचत बा। एनएमसी अपना चिट्ठी में कहले बा कि अगर निरीक्षण के बाद भी (उक्त कॉलेज में) कमी मिलल त आयोग के संगे-संगे केंद्र सरकार के कानून के मुताबिक उचित कदम उठावे के अधिकार दिहल गईल बा। आजमगढ़ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ आर के शर्मा कहले कि, ‘मामला हमरा जानकारी में बा। एकरा के सुलझावे के प्रयास हो रहल बा। जल्दिए रजिस्ट्रेशन के मुद्दा के समाधान हो जाई।

हमनी के बता दीं कि कवनो मेडिकल भा डेंटल ग्रेजुएट के प्रैक्टिस करे भा उच्च पढ़ाई में प्रवेश करे से पहिले एसएफएम में रजिस्ट्रेशन करावल अनिवार्य बा। एसएफएम खाली ओह मेडिकल आ डेंटल विद्यार्थियन के रजिस्टर करेला जे मान्यता प्राप्त मेडिकल डेंटल कॉलेजन से पास आउट होखे। एसएफएम में रजिस्ट्रेशन करा के उ लोग यूपी में डॉक्टरेट के डिग्री ले सकतारे। अगर उ लोग दोसरा राज्य में प्रैक्टिस करे जात बाड़े त अयीसने रजिस्ट्रेशन जरूरी बा।

 

 

 

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