Sankshati chaturthi 2025: संकष्टी चतुर्थी आज, जानीं शुभ मुहूर्त  आ कइसे करे के बा भगवान गणेश के पूजा

Share

संकष्टि चतुर्थी के व्रत हर महीना दू बेर आवेला। आषाढ़ महीना में पड़े वाला कृष्ण पक्ष के चतुर्थी तिथि के कृष्णपिङ्गल संकष्टि के रूप में मनावल जाला। ई व्रत निःसंतान के लइकन खातिर, दुखी लोग के सुख आ समृद्धि खातिर आ स्वास्थ्य आ दीर्घायु खातिर मनावल जाला। कहल जाला कि एह व्रत के रखला से भगवान गणेश भक्तन से प्रसन्न होलें आ ओह लोग के सगरी मनोकामना पूरा कs देलें. एह दिन भगवान गणेश के मोदक चढ़ावे से बुद्धि, समृद्धि आ सौभाग्य मिलेला। आज के पूजा मुहूर्त, विधि…

संकष्टि चतुर्थी काहे मनावल जाला?

हिन्दू धर्म में कवनो भी पूजा में भगवान गणेश जी के सबसे पहिले पूजा होला। भगवान गणेश के बाधा नाशक आ बुद्धि आ ज्ञान के देवता भी कहल जाला। अइसना में ओकर पूजा कइला से ओह आदमी के सगरी बाधा दूर हो जाला आ बुद्धि आ विवेक बढ़ जाला. साथ ही एह दिन सच्चा मन से उपवास आ पूजा कइला से ओह आदमी के संतान के सुख भी मिलेला।

संकट चतुर्थी के शुभ समय

पंचांग के मुताबिक, कृष्ण पक्ष के चतुर्थी तिथि 14 जून के दुपहरिया 03.46 बजे से शुरू होई अवुरी 15 जून के सांझ 03.51 बजे ले चली। एह दौरान रउआ भगवान गणेश के पूजा कs के उनुकर आशीर्वाद पा सकेनी।

पूजा विधि

सबेरे नहाये के बाद साफ कपड़ा पहिन लीं।

एकरा बाद गणेश के ध्यान करीं आ व्रत करीं।

अब भगवान के एगो चौकी पs रख के फूल भा माला चढ़ावे के चाहीं।

ओकरा बाद भगवान गणेश के फल चढ़ा के पीयर चंदन लगाईं।

एकरा बाद मोदक भा लड्डू चढ़ावल जाव.

फेर ‘ॐ गण गणपतये नमः’ मंत्र के जप करीं।

एकरा बाद भगवान गणेश जी के आरती करीं।

साँझ के चाँद के अर्घ्य चढ़ा के व्रत तोड़ दीं।

इहो पढ़ीं: सबेरे-सबेरे: आंख के बनावल चाहत बानी खूबसूरत आ तेज तs रोज करीं इs 3 गो योगासन

Share this article

Facebook
Twitter X
WhatsApp
Telegram
 
- Sponsored Ads-