महाकुंभ के अमृत स्नान के बाद अब माघ पूर्णिमा के स्नान नजदीक आ रहल बा। माघ पूर्णिमा के तारीख 12 फरवरी के मनावल जाई। हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि के बहुत महत्व बा। एह दिन श्री हरि, माई लक्ष्मी आ चंद्रमा के पूजा करे के संस्कार होला। धार्मिक मान्यता के अनुसार एह तिथि के लोग अपना घर में भगवान सत्यनारायण के पूजा करेला। इहो मानल जाला कि एह तिथि के गंगा आ अउरी पवित्र नदी में नहा के दान कइल बहुत शुभ होला। अइसना में आईं एह दिन स्नान आ दान के शुभ समय आ कवन मंत्र के जाप करे के बा जानीं…
एह मंत्रन के करीं जप
*ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।।
*ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:।।
*ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा।।
*ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।।
माघ पूर्णिमा कब मनावल जा रहल बा आ का शुभ समय बा?
हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक माघ पूर्णिमा के तारीख 11 फरवरी के सांझ 6.55 बजे से शुरू होई, जवन कि 12 फरवरी के अगिला दिन रात 07.22 बजे ले रही। चुकी हिन्दू धर्म में उदय तिथि के मान्यता बा एहसे 12 फरवरी के माघ पूर्णिमा तिथि मनावल जाई। एकरा संगे सांझ 5.59 बजे चंद्रमा के उदय होई।
नहा के दान करे के शुभ समय
माघ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त सबेरे 5.19 बजे से सबेरे 06.10 बजे ले रही। अमृत काल सांझ 5.55 बजे से 07.35 बजे ले रही। एकरा संगे एs तारीख के विजय मुहूर्त भी बा, जवन कि दुपहरिया 02.27 बजे से दुपहर 03.11 बजे ले होई। एह दौरान व्यक्ति कवनो भी तरह के शुभ काम कs सकेला जबकि ब्रह्म मुहूर्त के दान करे खातिर सबसे बढ़िया मानल जाला।
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