फाल्गुन महीना के हिन्दू धर्म में खास महत्व दिहल गइल बा. जवना महीना में भगवान शिव आ माई पार्वती के बियाह भइल रहे ओही महीना में रंग के परब फाल्गुन में पड़ेला। फाल्गुन हिन्दू कैलेंडर में अंतिम महीना हवे. एकरा बाद चैत्र में हिन्दू नया साल आवेला। शास्त्र में कहल गइल बा कि फाल्गुन महीना में एह देवी-देवता के पूजा कइल बेहद फलदायी मानल जाला। एह देवी-देवता के पूजा कइला से आदमी के हर दुख दूर हो जाला आ ऊ हर सुख के प्राप्ति करेला।
भगवान शिव-माता पार्वती
महाशिवरात्रि के परब फाल्गुन महीना में पड़ेला। एह दिन महादेव आ माई पार्वती के पूजा होला। भगवान शिव आ माई गौरी के पूजा कइला से आदमी के जीवन सुख से भर जाला। एकरा संगे ग्रह के दोष से भी राहत मिलेला। फाल्गुन के महीना में भगवान शिव के चमत्कारी मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ के जप जरूर करीं। एह मंत्र के जप से आदमी के सब मनोकामना पूरा हो जाला।
भगवान विष्णु
फाल्गुन महीना में भगवान विष्णु के पूजा कईला से सुख, शांति अवुरी समृद्धि मिलेला। एकरा संगे श्री हरि नारायण के पूजा कईला से आदमी के सभ पाप मिट जाला। फाल्गुन महीना में पूजा के दौरान भगवान विष्णु के चंदन, अक्षत, पीला कपड़ा, धूप के बत्ती, दीप आ फूल चढ़ावल जाला। साथ ही भगवान विष्णु के आरती आ मंत्र के जाप करीं। फाल्गुन के महीना में अयीसन कईला से नारायण के आशीर्वाद के बरसात आपके परिवार पs जरूर होई।

चंद्रमा
धार्मिक मान्यता के अनुसार चंद्रमा के जनम फाल्गुन महीना में भइल रहे। अइसना में एह महीना में चंद्रमा के पूजा कइला से कुंडली में चंद्रमा के स्थिति मजबूत हो जाला। चाँद के दोष भी दूर हो जाला। चंद्रमा के पूजा से जीवन में मानसिक शांति मिलेला।
भगवान श्रीकृष्ण-राधा रानी
फाल्गुन महीना में भगवान श्रीकृष्ण आ राधा रानी के पूजा कइला से आदमी के शुभ परिणाम मिलेला। बतावल जाला कि होली के परब फाल्गुन महीना में मनावल जाला आ एह मौका पs बृज में होली के परब धूमधाम से मनावल जाला. मथुरा-वृन्दावन में होली देखे खातिर देश-दुनिया भर से लोग आवेला। जबकि फाल्गुन में मथुरा, वृन्दावन आ बरसाना के मंदिरन में विशेष पूजा कइल जाला। राधा रानी आ कान्हा जी के पूजा कइला से जीवन में प्रेम आ सुख बनल रहेला।
अस्वीकरण : इहाँ दिहल जानकारी धार्मिक आस्था आ लोक मान्यता पs आधारित बा। एकर कवनो वैज्ञानिक प्रमाण नइखे मिलल. खबर भोजपुरी प्रामाणिकता के कवनो प्रमाण नइखे देत.
इहो पढ़ीं : भक्तिमय सोमार: ‘श्रद्धा के सागर’ धरती चीर के बाहर निकलल रहे गोरखपुर के मां काली के प्रतिमा