Khabar Bhojpuri
भोजपुरी के एक मात्र न्यूज़ पोर्टल।

Feroze Gandhi Birthday: फिरोज गांधी जेतना गुमनाम रहले, ओतने आबाद रहली इंदिरा, ‘लव लाइफ’ से लेके ‘सरनेम’ बदलले तक के पूरा कहानी

फिरोज पारसी रहले, एकर पुष्टि इ बा कि उनुकर कब्र के एगो पारसी कब्रिस्तान में बा। ई कब्र प्रयागराज के मम्फोर्डगंज में बा। तबो सोशल मीडिया में ई प्रोपेगैंडा फइलल बा कि फिरोज मुस्लिम रहले। 

1,481

 

 

 

 

फिरोज गांधी जन्मदिन विशेष : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी के आजु जन्मदिन ह। फिरोज के जनम साल 1912 में मुंबई में भइल रहे। उ कांग्रेस के सांसद अवुरी राजनीतिज्ञ के संगे पत्रकार भी रहले। उनकर आ इंदिरा गांधी के बियाह के कहानी आजुओ इतिहास में काफी प्रचलित बा काहे कि इंदिरा गांधी के पिता  भारत के पहिला प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ना चाहत रहले कि इंदिरा आ फिरोज के बियाह हो । बाकिर प्रेम कहानी के पूरा होखे से के रोक सकेला? इ बियाह भईल अवुरी इ प्रेम-कथा भारत के इतिहास में हमेशा खातीर अमर हो गईल।

फिरोज सर नेम में गांधी कईसे आईल?

फिरोज गांधी के असली नाम फिरोज घांदी रहे आ उनकर पिता जहांगीर घांदी गुजरात के भरूच के रहे वाला रहले, जे पारसी परिवार के रहले। फिरोज के माई के नाम रतिमाई घांदी रहे। फिरोज के पिता पेशे से मरीन इंजीनियर रहले। पिता के निधन के बाद फिरोज सबसे पहिले अपना महतारी के संगे मुंबई में रहले, बाद में साल 1915 में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) आ गइले। स्वीडन के एगो मशहूर साहित्यकार बर्टिल फॉक के किताब ‘फिरोज द फॉरगॉटेन गांधी’ में इहो जिक्र बा कि फिरोज गांधी के जनम बंबई के एगो पारसी परिवार में भइल रहे आ उनकर पिता के नाम जहांगीर फरदूस जी घांदी रहे।

लेकिन सवाल बा कि प्रोफेसर घांदी गांधी कैसे बने? बर्टिल फोक के किताब ‘फिरोज द फॉरगोटेनगांधी’ के अनुसार जब राजनीति में फिरोज सक्रिय भइले त ओ समय के अखबार में उनुकर सर नाम घांदी के  जगही पs गांधी समझ गइल रहे अवुरी उहे नाम  हो गइल। तब से गांधी जी के नाम के साथ एगो परछाईं बन गइल जवन कबहुँ ना गइल| हालाँकि, कई ऐतिहासिक लोगों के एह के बारे में अलग-अलग राय बा। कुछ लोग कहेला कि चमत्कारी महात्मा गांधी से प्रेरित होके आपन नाम बदल के गांधी कs दिहलें।

फिरोज पारसी रहले, एकर पुष्टि इ बा कि उनुकर कब्र के एगो पारसी कब्रिस्तान में बा। ई कब्र प्रयागराज के मम्फोर्डगंज में बा। तबो सोशल मीडिया पीएस ई प्रोपेगैंडा फइलल बा कि फिरोज मुस्लिम रहले।

गांधी से प्रेम कहानी के शुरुआत कइसे भइल?

फिरोज आ इंदिरा के प्रेम कहानी काफी लोकप्रिय रहल बा। क्रांतिकारी इंदिरा के महतारी कमला नेहरू एगो कॉलेज के सोझा विरोध प्रदर्शन करत घरी बेहोश हो गइल रहली अवुरी फिरोज गांधी उनुकर बहुत देखभाल कइले रहले। एही बीच फिरोज उनके घरे जाए लगले रहले, ताकि उ कमला के हालचाल ले सके।

साल 1933 के ह, जब 21 साल के फिरोज 16 साल के इंदिरा के प्रपोज कइले रहले। हालांकि इंदिरा ए प्रस्ताव के साफा स्पष्ट रूप से रिजेक्टेड क देले रहली। समय बीतत गइल आ फिरोज राजनीति में सक्रिय हो गइलन। एकरा बाद एगो समय आइल जब इंदिरा अवुरी फिरोज दुनो लोग बियाह करे के फैसला कइले। 

हालांकि इंदिरा के पिता पंडित जवाहर लाल नेहरू ए बियाह के खिलाफ रहले, काहेंकी दुनो लोग के धर्म अलग-अलग रहे अवुरी एकरा से उनुकर राजनीति प्रभावित हो सकता। अयीसना में महात्मा गांधी नेहरू के समझावत आपन उपनाम ‘गांधी’ फिरोज के उपाधि के रूप में दे देले। एकरा बाद फिरोज आ इंदिरा के बियाह हिन्दू रिवाज के मुताबिक हो गईल।

फिरोज अपना जीवन के अंतिम पड़ाव में अकेले रहले

अपना सरकार के प्रति आलोचनात्मक रवैया के चलते फिरोज के ससुर पंडित जवाहर लाल नेहरू से संबंध बहुत सौहार्दपूर्ण ना रहे। एकरा से इंदिरा गांधी से उनकर रिश्ता भी प्रभावित भईल अउरी एक समय आ गईल जब फिरोज अउरी इंदिरा गांधी अलग अलग रहे लगले| जब फिरोज अपना जीवन के आखिरी दौर में रहले त उ काफी अकेला रहले। उनुका पहिला बेर साल 1958 में दिल के दौरा पड़ल अवुरी दूसरा बेर साल 1960 में दिल के दौरा पड़ल आ फिरोज 47 साल के उमिर में एह दुनिया से विदा हो गइले।

 

 

 

638470cookie-checkFeroze Gandhi Birthday: फिरोज गांधी जेतना गुमनाम रहले, ओतने आबाद रहली इंदिरा, ‘लव लाइफ’ से लेके ‘सरनेम’ बदलले तक के पूरा कहानी

ईमेल से खबर पावे खातिर सब्सक्राइब करीं।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.